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मुजफ्फरपुर में पुलिस बहा रही उल्टी गंगा.. जिसने की शराबबंदी के कारनामों की शिकायत उसी के घर में रेड

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Published : Mar 19, 2022, 5:47 PM IST

बिहार के मुजफ्फरपुर में शराब केस (Liquor Case in Muzaffarpur) में फंसे सरकारी कर्मी के खिलाफ आवाज उठाई, तो पुलिस आवेदक के घर पर ही शराब खोजने पहुंच गई. लेकिन, छापेमारी (Police raid against Liquor in Muzaffarpur) में पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा और मिठनपुरा पुलिस को बैरंग ही लौटना पड़ा. जिसके बाद पुलिस कर्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं. पुलिस छापेमारी का ये वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. इस वायरल वीडियो को आरजेडी ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला है. पढ़े पूरी खबर..

मुजफ्फरपुर में शराब केस
मुजफ्फरपुर में शराब केस

मुजफ्फरपुर:बिहार में पूर्ण शराबबंदी (Complete Liquor Ban in Bihar) को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए पुलिस प्रशासन तमाम कोशिशें कर रही है. वहीं, अब पुलिस को सूचना मिलते ही बेहिचक किसी के भी घर में घुसकर पुलिस अवैध शराब ढूंढने लग रही है. ताजा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का है, जहां मिठनपुरा थाना क्षेत्र (Mithanpura Police Station Area) में एक घर में देर रात शराब ढूंढने पहुंची पुलिस और शराब के बहाने सारा घर का सामान इधर से उधर कर दिया. इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो घर में मौजूद महिला ने बना लिया. जब महिला ने विरोध किया तो पुलिस पदाधिकारी ने महिला के ऊपर लाठी भी चलाई जो वीडियो में साफ देखा जा सकता है.

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मिठनपुरा थाना पुलिस ने की छापेमारी: पूरे मामले में पूछे जाने पर घर के मालिक अविनाश कुमार ने बताया कि सरकारी कार्यालय पश्चिमी अनुमंडल में कार्यरत एक कर्मचारी जो अवैध शराब के मामले में नामजद है उसका नाम अमरेंद्र कुमार सिंह है. उसके खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इसको लेकर संबंधित सभी वरीय अधिकारी और मद्य निषेध के अपर सचिव,मुजफ्फरपुर के डीएम, एसएससी, एसडीपीओ को 13 मार्च को पत्र भेजा था, जिसके बाद 15 मार्च की रात हमारे घर पर शराब मामले को लेकर मिठनपुरा थाना पुलिस ने छापेमारी की.

शराब पकड़ने आई पुलिस लौटी बैरंग: छापेमारी का विरोध घर में मौजूद मेरी पत्नी ने नहीं किया, पूरी तलाशी लेने दी. लेकिन, इसका वीडियो उसने बनाया क्योंकि घर पर वह अकेली थी और पुलिस की टीम रेड करने पहुंची थी. इस दौरान पुलिसकर्मियों ने तसल्ली भर अपनी जांच पड़ताल की कुछ भी बरामद नहीं हुआ. मुझे यह विश्वास है कि सरकारी कार्यालय के कर्मी के खिलाफ कंप्लेंट करने का यह नतीजा है जो शराब मामले में खुद नामजद है और उनका परिवार शामिल है, अगर वह सरकारी नौकर है तो उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी. महज दो दिन में ही यह मुझे दिखाई दे दिया. हम अपना छोटा सा बिजनेस करते हैं और सामाजिक सरोकार से नाता रखते हैं. इसलिए यह कंप्लेंट की थी, लेकिन शराबबंदी वाले बिहार में ऊंची पहुंच वालों को कहीं कोई दिक्कत नहीं है, इससे यह साफ है.

मिठनपुरा थाना अध्यक्ष की सफाई:वहीं, पूरे मामले पर पूछे जाने पर मिठनपुरा थाना अध्यक्ष श्रीकांत सिंह ने कहा कि पटना मद्य निषेध से यह सूचना आई थी जिसके बाद उक्त घर की तलाशी ली गई थी. तलाशी के दौरान महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थी. घर में कुछ बरामद नहीं हुआ है. इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जा चुकी है, जब भी मुख्यालय से कोई इनपुट आता है तो उस पर तत्क्षण कार्रवाई कर पुलिस की टीम रिपोर्ट करती है.

आरजेडी ने सरकार पर निशाना साधा:वहीं, इस कार्रवाई के बाद अब प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद द्वारा वीडियो क्लिप को अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से लगाकर बिहार सरकार पर और बिहार में शराबबंदी पर कई सवाल उठाए हैं और लिखा है कि ''जिस राज्य को स्वयं सर्वोच्च न्यायालय ने 'आततायी पुलिस स्टेट' कहा हो, उसकी निरंकुश पुलिस का रवैया कैसा होता है, यह देखिए. पुलिस वालों के कारनामों की शिकायत करेंगे तो शराब ढूंढने के बहाने आपको बिहार पुलिस परेशान करेगी और धमकियां देगी.''

सवालों के घेरे में पुलिस कार्रवाई:वहीं, इस घटना के बाद स्थानीय लोग भी यह कह रहे हैं कि अगर पुलिस चाहे कि किसी शख्स को परेशान करना है तो शराबबंदी के बहाने आराम से परेशान कर सकती है. ऐसा ही अभी हो रहा है. सरकार को आए दिन हो रही इस तरह की घटनाओं को देखते हुए कुछ संशोधन जरूर करना चाहिए. अन्यथा एक आम जिंदगी बिताने वाला लोग भी इस शराबबंदी के कारण परेशान होगा.

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