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मुंगेर में सफाई कर्मियों की हड़ताल से अस्पताल परिसर में फैली गंदगी

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Published : Jan 17, 2022, 1:15 PM IST

कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच मुंगेर सदर अस्पताल के सफाई कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. अपनी पांच सूत्री मांगों के समर्थन में वे धरने पर बैठे हैं. इसके चलते सदर अस्पताल में गंदगी फैल गयी है. जहां तहां कूड़ा-कचरा जमा है. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. हड़ताली कर्मियों का कहना है कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक हड़ताल खत्म नहीं होगा.

Munger Sadar Hospital
Munger Sadar Hospital

मुंगेर: मुंगेर सदर अस्पताल (Munger Sadar Hospital) के दैनिक सफाई कर्मी सोमवार से काम बंद कर हड़ताल (Sanitation workers on strike in Munger) पर चले गए. सभी सफाई कर्मी अपनी मांगों के समर्थन में सदर अस्पताल परिसर में ही धरने पर बैठकर प्रबंधन के खिलाफ नारे लगा रहे हैं. सफाई कर्मी अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर अडिग हैं. वे कह रहे हैं जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक हड़ताल खत्म नहीं होगा. सफाई कर्मियों के अचानक हड़ताल पर चले जाने से सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड, पुरुष वार्ड, महिला वार्ड, ओपीडी तथा विभिन्न विभागों में सुबह से सफाई नहीं हुई है. इसके कारण सभी जगहों पर गंदगी फैली हुई है. कोरोना संक्रमण के बीच मरीज भी परेशान हैं.

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सदर अस्पताल में सफाई का कार्य एजेंसी के माध्यम से किया जाता है. सुविधा एजेंसी के अंतर्गत 19 सफाईकर्मियों के जिम्मे में सदर अस्पताल की सफाई है. हड़ताली सफाई कर्मियों ने बताया कि उनकी मजदूरी बढ़ाई जाए. न्यूनतम मजदूरी 250 रुपये प्रतिदिन की जगह मिले 350 रुपये हो. सफाई कर्मियों की संख्या 19 से बढ़ाकर 36 किये जाएं. बकाये वेतन का भुगतान अविलंब हो. मानदेय के रूप में वेतन का भुगतान हो और पीएफ की भी सुविधा मिले. इस संबंध में सफाई कर्मियों के नेता सोनू कुमार ने बताया कि हम लोग पिछले 3 वर्षों से कार्य कर रहे हैं. अभी तक हम लोगों की न्यूनतम मजदूरी 250 प्रतिदिन ही है जबकि महंगाई बढ़ गई है.

उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में रोज नए विभाग बन रहे हैं लेकिन पूरे अस्पताल के सफाई कार्य के लिए सिर्फ 19 कर्मी हैं. ऐसे में मजदूरों की संख्या भी बढ़नी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक हम लोगों की मांगे पूरी नहीं होती, तब तक हम लोग हड़ताल जारी रखेंगे. इस संबंध में मुंगेर जिले के सिविल सर्जन डॉक्टर हरेंद्र कुमार आलोक ने बताया कि जिले के सदर अस्पताल की सफाई एजेंसी के माध्यम से होती है. एजेंसी को हर माह कार्य के एवज में भुगतान कर दिया जाता है. कर्मियों का भुगतान उनका मामला है. अगर ये लोग हड़ताल बंद नहीं करते हैं तो वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी.

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