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मुंगेर: दोहरे हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा, तीन गिरफ्तार, दो फरार

मुंगेर जिले के तारापुर थाना क्षेत्र में 17 जुलाई को हुए डबल हत्याकांड मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं दो फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.

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दोहरे हत्याकांड में तीन गिरफ्तार.

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Published : Jul 25, 2020, 1:52 PM IST

मुंगेर: जिला के तारापुर थाना क्षेत्र के परभरा गांव से लापता हुए अमन कुमार और आदित्य कुमार की हत्या के मामले में पुलिस ने अब तक तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. हत्याकांड में शामिल रुस्तम यादव, अंबुज यादव और ऋषभ सिंह कुशवाहा को गिरफ्तार किया गया है. वहीं हत्याकांड में शामिल दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की स्पेशल टीम छापामारी कर रही है.

सुल्तानगंज में की गई थी हत्या
मुंगेर पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह ने बताया कि तारापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत परभरा गांव के रहने वाले अमन कुमार और आदित्य कुमार को 17 तारीख को उसके गांव के ही कुछ लोगों ने धोखे से बुलाकर सुल्तानगंज ले जाने के बाद हत्या कर दी थी. इस मामले में परिजनों ने अपहरण की प्राथमिकी तारापुर थाने में दर्ज कराई थी. प्राथमिकी में सात लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया था.

आरोपियों से पूछताछ में हुआ खुलासा
जिला सूचना इकाई प्रभारी शैलेश कुमार के नेतृत्व में गठित स्पेशल टीम में संग्रामपुर थानाध्यक्ष सर्वजीत कुमार, असरगंज थानाध्यक्ष स्वयंप्रभा, तारापुर थानाध्यक्ष अमरेंद्र कुमार, हरपुर थानाध्यक्ष कमल किस्कू के अलावा जिला आसूचना इकाई के जवान शामिल थे. अनुसंधान के दौरान प्राथमिकी नामजद अभियुक्त अंबुज यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. अंबुज यादव से पूछताछ के दौरान ऋषभ कुशवाहा की संलिप्तता सामने आने के बाद उसे भी हिरासत में लिया गया. दोनों से पूछताछ के बाद मामले का खुलासा हुआ. गांव के आपसी विवाद राम सिंह कुशवाहा ने यह साजिश रची थी.

फरार अभियुक्तों की हो रही खोजबीन
मृतक अमन के पिता पंकज सिंह कुशवाहा का विवाद गांव के ही और राम सिंह से था. इसी विवाद के कारण विकास सिंह और राम सिंह ने हत्या की साजिश रची थी. अंबुज यादव से पूछताछ के बाद पुलिस ने सुल्तानगंज थाना अंतर्गत तिलकपुर इमामबाड़ा के पास गंगा नदी के किनारे से एक शव बरामद किया. दूसरा शव बरामद नहीं किया जा सका है. अमन और आदित्य की हत्या कर शव गायब करने के मामले में फरार अभियुक्तों की तलाश में पुलिस द्वारा छापामारी की जा रही है.

10 जुलाई को बनाई गई थी हत्या की योजना
परभरा गांव निवासी राम सिंह का विवाद मृतक अमन के पिता पंकज सिंह और आदित्य के पिता रवीन्द्र सिंह से चल रहा था. जमीन और दूसरे कारणों के विवाद के बाद राम सिंह ने पंकज सिंह और रवीन्द्र सिंह को सबक सिखाने के इरादे से अमन की हत्या की योजना बनाई थी. राम ने गांव के ऋषभ और अंबुज को धमकाकर इस योजना में शामिल किया था. 10 जुलाई को राम सिंह और उसके साथियों ने ऋषभ और अंबुज से मिलकर इस योजना हत्या की योजना बनाई थी और दोनों लगातार संपर्क में थे.

17 जुलाई को की गई हत्या
17 जुलाई को ऋषभ और अंबुज ने अमन और आदित्य को तारापुर आने ने एक दिन पहले ही सुलतानगंज थाना अंतर्गत तिलकपुर इमामबाड़ा के पास सुनसान बगीचे वाली जगह देख ली थी. सुल्तानगंज तिलकपुर इमामबाड़ा पहुंचने के बाद आदित्य और अमन को शराब पिलाई गई. ऋषभ और अंबुज ने साथियों के साथ मिलकर साजिश के तहत दोनों को शराब के नशे में धुत कर दिया गया. हत्यारों ने भी शराब पी लेकिन काफी कम मात्रा में शराब हत्यारों के द्वारा सेवन किया गया था. इस समय तक अमन और आदित्य को हत्या या किसी साजिश की भनक तक नहीं लग पाई थी.

शराब पिलाने के बाद की गई हत्या
शराब पिलाने के बाद आदित्य को नहाने के बहाने गंगा नदी में ले जाया गया. ऋषभ और अंबुज योजना के तहत आदित्य को लेकर गंगा नदी में गए थे. नहाने के दौरान ही आदित्य और अमन को मारकर शव को गंगा नदी में बहा दिया गया. पुलिस द्वारा गिरफ्तार अंबुज यादव की निशानदेही पर शव को गंगा नदी के किनारे से बरामद किया गया. शव गंगा नदी के किनारे बरसाती पौधों में फंसा हुआ था. ऋषभ और अंबुज की निशानदेही पर शराब की बोतल, सिगरेट के पैकेट और ग्लास बरामद किए गए हैं.

ऋषभ और अंबुज ने कबूला जुर्म
मामले में गिरफ्तार ऋषभ सिंह कुशवाहा और अंबुज यादव ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है. पूछताछ में दोनों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है तथा बताया कि राम सिंह ने ही इस हत्याकांड की योजना बनाई थी. ऋषभ के अनुसार उसके भाई की हत्या की धमकी देकर उसे डरा दिया था और अपनी योजना में शामिल कर लिया गया था. ऋषभ ने अंबुज यादव को अपने साथ मिलाया था. ऋषभ और अंबुज के स्वीकारोक्ति बयान तथा वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन के अनुसार इस घटना का खुलासा पुलिस द्वारा किया गया है. हत्या में आपस में बातचीत के लिए अंबुज यादव के मोबाइल फोन का ही इस्तेमाल हुआ था और उसी के मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर मृतकों को बुलाया गया. वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन के दौरान ही हत्याकांड में दूसरे अभियुक्तों के शामिल होने की पुष्टि हुई है.

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