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मधेपुरा के मुरलीगंज में 3 लोगों की संदिग्ध मौत.. शराब पार्टी में हुए थे शामिल

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Published : Mar 20, 2022, 9:13 AM IST

Updated : Mar 20, 2022, 10:08 AM IST

मधेपुरा में मौत
मधेपुरा में मौत

मधेपुरा में संदिग्ध रूप से तीन लोगों की मौत (three people died in madhepura) हो गई. चर्चा है कि जहरीली शराब पीने से मौत हुई है. जबकि आधा दर्जन से ज्यादा लोग जिंदगी की जंग लड़ रहे है. सभी मरने वाले एक ही गांव के रहने वाले है. जिस वजह से गांव में मातम का माहौल है. पढ़ें पूरी खबर...

मधेपुरा:बिहार में जहरीली शराब ने अब तक कई लोगों की जान ले ली (Suspicious Death due to drinking spurious liquor) है. ताजा मामला मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना (Murliganj Police Station) क्षेत्र का है. जहां एक ही गांव के कई लोग बीमार पड़ गए. जिसमें अब तक तीन लोगों की मौत हो गई. वहीं कई लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं. मौत जहरीली शराब पीने से ही हुई है इसकी पुष्टि प्रशासन ने अभी तक नहीं की है.

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गांव में चला था शराब पार्टी:बताया जा रहा है कि मुरलीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत दिग्घी गांव में बीते गुरुवार को शराब पार्टी चला था. जिसमें सभी ने एकसाथ शराब का सेवन किया. इसके अगले दिन सभी के तबीयत बिगड़ गए. अब तक तीन लोग की मौत हो चुकी है. जिनकी पहचान दिग्घी वार्ड दो के निवासी पुराकी सिंह पिता नागेन्द्र सिंह (32), लोजपा प्रखंड अध्यक्ष नीरज निशांत सिंह बौआ और संजीव कुमार रमाणी उर्फ गोनू (25) के रूप में हुई है. जैसे जैसे मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ रही है, मामला तूल पकड़ता जा रहा है. गांव में चारों तरफ मातम का माहौल बन गया है.

आधा दर्जन से ज्यादा लोग की हालत गंभीर: जानकारी के मुताबिक करीब आधा दर्जन लोगों की हालत गंभीर है. जिनकी पहचान सनोज यादव, रघु यादव, कुंदन यादव, दीपक सिंह, विकास कुमार, भानू कुमार और अखिलेश सिंह के रूप में हुई है. सभी निजी अस्पताल में इलाज करा रहे है. सीएचसी प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि बीमार लोगों की स्थिति को देखते हुए दो अतिरिक्त एम्बुलेंस गांव में तैनात किया गया है. वहीं मामले पर स्थानीय मुरलीगंज थाना ने पल्ला झाड़ लिया है. थानाध्यक्ष का कहना है कि अभी तक इस तरह की सूचना संज्ञान में नहीं आयी है.

बिहार में 2016 से शराबबंदी: गौरतलब है कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून लागू किया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और इसे बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. वहीं बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. बिहार में जारी शराबबंदी को लेकर उत्पाद विभाग और मद्यनिषेध विभाग ने हाल के दिनों में समीक्षा की थी और इसके बाद विभाग ने यह बड़ा फैसला लिया है.

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Last Updated :Mar 20, 2022, 10:08 AM IST

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