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नक्सलियों के गढ़ में आजादी के 75 साल बाद पहुंचा टेलीविजन, ग्रामीणों में खुशी की लहर

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Published : Nov 18, 2022, 9:47 AM IST

जमुई के बरहट प्रखंड अंतर्गत चोरमारा गांव में आजादी के बाद पहली बार टेलीविजन पहुंचा है. एसबीआई ने समस्त विकास योजना के तहत चोरमारा गांव को अनुदान के तौर पर डीटीएच के साथ 42 इंच का एलइडी टीवी (SBI Jamui gave TV to Chormara village) दिया है. जिससे इलाके के लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर...

जमुई नक्सलियों के गढ़ में पहुंचा पहला टेलीविजन
जमुई नक्सलियों के गढ़ में पहुंचा पहला टेलीविजन

जमुई:बिहार के जमुई में नक्सलियों का गढ़ (Maoist stronghold in Jamui) कहा जाने वाला बरहट प्रखंड अंतर्गत चोरमारा गांव इन दिनों चर्चा में है. गांव के चर्चे की वजह हैरान करने वाली है. दरअसल आजादी के 75 सालों के बाद गांव में पहली बार टेलीविजन पहुंचा है. जिसके कारण गोलियों की तड़तड़ाहट से हमेशा गुंजने वाला यह गांव अब गीत-संगीत और देश दुनिया की खबरों से गुंजेगा. गांव में टेलीविजन पहुंचने के बाद ग्रामीणों में इसकी खुशी साफ देखी जा सकती है.

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नक्सलियों का गढ़ में पहुंचा टेलीविजन:चोरमारा गांव जिले के बरहट प्रखंड अंतर्गत जंगल और पहाड़ों के बीच बसा है. यह गांव माओवादियों का मांद माना जाता है. लेकिन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जमुई ने इस सुदूरवर्ती गांव के समग्र विकास में सहयोग करने का बीड़ा उठाया है. एसबीआई ने समस्त विकास योजना के तहत चोरमारा गांव को अनुदान के तौर पर डीटीएच के साथ 42 इंच का एलइडी टीवी दिया है. लंबे अरसे बाद गांव के सामुदायिक भवन में अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित टीवी के अधिष्ठापन से ग्रामीण काफी खुश हैं. गांव के सभी लोग सामुदायिक भवन में बैठकर मनोरंजन के साथ देश - दुनिया की खबरों से रूबरू हो रहे हैं.


उग्रवाद था विकास की राह को रोड़ा:चोरमारा गांव में घनी आबादी है. यह पूरा गांव आदिवासी बहुल है. गांव के चारों तरफ पहाड़ और जंगल हैं. गांव तक जाने के लिए सड़क तथा पगडंडी है. आज से तीन साल पहले तक यह पूरा इलाका उग्रवाद प्रभावित था. यहां भाकपा माओवादी के नक्सली सक्रिय थे. इलाके में पीएलएफआई के उग्रवादियों की भी सक्रियता रहती थी. खूंखार नक्सली अपने दस्ते के साथ यहां भ्रमण करते नजर आते थे. यह क्षेत्र 2000 से 2018 तक नक्सल से जूझता रहा. नक्सलवाद के कारण ही इस क्षेत्र का विकास रूका रहा. लेकिन जैसै-जैसे नक्सली कमजोर पड़ रहे हैं. वैसै-वैसे गांव में विकास की उम्मीजें जग रही है. इसी उम्मीद की पहली कड़ी में गांव में बिजली पहुंची, फिर टीवी की आवाज और मोबाइल का रिंगटोन सुनाई देने लगा.

"विश्वास, विकास और सुरक्षा की त्रिवेणी से ही जीवन में बदलाव संभव है. जन सुरक्षा के कारण यहां के आवाम का हुकूमत के प्रति विश्वास बढ़ा है. वे अब ज्यादा वफादार दिखने लगे हैं. जिला पुलिस और केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल के बेहतर तालमेल से कानून व्यवस्था नियंत्रण में है"- संदीप सिंह, सीआरपीएफ के डीआईजी


एसबीआई जमुई ने उठाया जिम्मा:एसबीआई जमुई के मुख्य प्रबंधक संजीव कुमार ने कहा कि सामुदायिक सेवा बैंकिंग के अंतर्गत भारतीय स्टेट बैंक ने चोरमारा गांव को डीटीएच के साथ 43 इंच का एलइडी टीवी अनुदान के रूप में दिया है. उन्होंने यहां विशेष शिविर आयोजित कर जन-धन योजना के अंतर्गत ग्रामीणों का खाता खोले जाने का ऐलान करते हुए कहा कि इस दिशा में कारगर पहल जारी है. इस दौरान भीमबांध में विद्यालय की बेटियों को सुकन्या समृद्धि योजना की जानकारी दी गई. उन्होंने इसी कड़ी में शिक्षकों से अनुरोध करते हुए कहा कि तिथि तय कर विद्यार्थियों के अभिभावकों को बुलाएं, बैंक कर्मी सम्बंधित दिवस को आएंगे और जरूरतमंदों का खाता खोलेंगे. मुख्य प्रबंधक ने चोरमारा गांव के विकास के लिए यथोचित सहयोग किए जाने का ऐलान किया. इस दौरान सीआरपीएफ के कमांडेंट योगेंद्र सिंह मौर्य, एसबीआई लक्ष्मीपुर के प्रबंधक सुबोध कुमार, अनुराग मंदिलवार आदि पुलिस एवं बैंक अधिकारियों ने कार्यक्रम में शिरकत किया.


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