जमुई: एक साल पहले मुख्यमंत्री ने जल जीवन हरियाली योजना का उद्घाटन गिद्धौर प्रखंड के बानाडीह गांव में किया था. लेकिन आज ना तो वहां लगाये गये पौधे बचे हैं और ना ही बनायी गयी सड़क ही दुरुस्त दिख रही है. ऐसा क्यों हुआ आगे पढ़िये पूरी खबर.
जल जीवन हरियाली योजना का हाल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सबसे महत्वकांक्षी योजना जल जीवन हरियाली के तहत 1 साल पहले गिद्धौर प्रखंड के बानाडीह गांव में कोसमा आहर का निर्माण करोड़ों रुपये की लागत से कराया गया था. 10 जनवरी 2020 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधिवत इसका उद्घाटन किया था. योजना को लेकर कई दिनों तक रात दिन पदाधिकारियों ने खड़ा होकर इसका निर्माण कराया था. लेकिन आज की तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है. योजना के तहत बनायी गयी सड़क जर्जर हो चुकी है. पौधों का नामोनिशान नहीं बचा है.
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ग्रामीणों की उम्मीदों पर फिरा पानी
साल भर पहले की बात है तामझाम देख ऐसा लगा था मानो जमीन पर जन्नत उतर आयी हो. लेकिन ये मृगतृष्णा से ज्यादा कुछ ना था. छह लाख की लागत से लगाए गए लगभग 300 पौधे सूख चुके हैं. पेड़ पानी के अभाव में सूख गए. स्कूल परिसर में मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से ब्रह्म पेड़ का भी पौधारोपण किया था, मतलब पीपल, पाकर, बरगद और गूलर के बीच तुलसी का पौधा लगाया गया था. इनमें से मात्र एक पौधा ही सही सलामत है.
बोर्ड भी उखाड़ लिया गया
जिस योजना का उद्घाटन सीएम ने किया था, उस शिलापट्ट से पत्थर भी गायब हो गया है. बोर्ड उखाड़ दिया गया है. लेकिन ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी योजनाओं की बदहाली की तस्वीरें सामने आती रही है. पहले भी लक्ष्मीपुर प्रखंड के काला गांव में जल जीवन हरियाली के तहत लगाए गए जल नल योजना सहित अन्य योजना भी अंधकार में अटके हैं .जबकि सिकंदरा प्रखंड सहित अन्य का हाल बुरा है.