पटनाः बिहार में जारी मानसून और बारिश (Heavy Rainfall) के बीच वज्रपात (Lightning) लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है. गोपालगंज में वज्रपात से तीन लोगों की मौत हो गई है. काम करने के दौरान चार लोगों पर ठनका गिरा. जिसमें 3 किसानों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. एक किसान का अस्पताल में इलाज चल रहा है. ये घटनाएं उचकागांव के लुहसी और ओझवलिया की है.
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धोन रोपनी कर रहे लोगों पर गिरा ठनका
मंगलवार की दोपहर उचकागांव प्रखंड के लुहसी गांव निवासी टुनटुन कुशवाहा, राजबली सिंह और शिव धारी महतो अपने खेत में धान की रोपनी कर रहे थे. तभी तेज गर्जन के साथ आकाशीय बिजली गिरी. टुनटुन कुशवाहा और राजबली कुशवाहा की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. जबकि शिवधारी महतो बुरी तरह झुलस गए. इस घटना की जानकारी जब परिजनों को हुई, तब आनन-फानन में मौके पर पहुंचे. चीख पुकार से पूरा इलाका गमगीन हो गया.
झुलसे लोगों का चल रहा है इलाज
वहीं साथी गांव निवासी शिवब्रत कुशवाहा अपने दो पुत्रों अमित और सुमित के साथ धान की रोपनी कर रहे थे. तभी बिजली गिरने से उनके दोनों पुत्र पेट के बल लेट गए, जिससे उन लोगों की जान बच गई. जबकि शिवब्रत की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. आकाशीय बिजली की चपेट में आने से ओझवलिया गांव निवासी कुतुबुद्दीन बुरी तरह झुलस गए. वे खेत मे धान कि रोपनी कर रहे थे. फिलहाल सभी झुलसे लोगों का इलाज सदर अस्पताल में चल रहा है. पुलिस शव का पोस्टमार्टम करा कर शव परिजनों को सौप चुकी है.
मौसम विभाग की अपील
मौसम विभाग ने बिहार के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना जताई है. कई इलाकों में वज्रपात की भी आशंका जताई गई है. इस दौरान लोगों से सावधानियां बरतने की अपील की गई है.
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बिजली गिरने पर क्या करें
- सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें. यह इस बात का संकेत है कि आपके आस-पास बिजली गिरने वाली है.
- दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें. सिर को जमीन से सटने न दें. जमीन पर कभी न लेटें.
- पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों. समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं.
- जहां हैं, वहीं रहें. हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें.
- घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें.
- बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें. खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें.
जानें... क्यों गिरती है बिजली?
जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं. भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं. जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है, तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है. अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है. आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज होती है. आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है. बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है. बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है.
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ऊंची चीजों पर क्यों गिरती है बिजली?
बादल में जब बिजली बन रही होती है, तब जमीन पर मौजूद चीजों का इलेक्ट्रिक चार्ज बदलता है. जमीन का उपरी हिस्सा पॉजिटिव चार्ज हो जाता है और निचला हिस्सा निगेटिव चार्ज रहता है. मीनार, ऊंचे पेड़, घर या इंसान जब पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं, तब उससे पॉजिटिव इलेक्ट्रिसिटी निकलकर ऊपर की ओर जाती है. इसे स्ट्रीमर कहते हैं. बादल के निचले हिस्से में मौजूद निगेटिव चार्ज स्ट्रीमर की ओर आकर्षित होता है, जिससे बिजली धरती पर गिरती है. यही कारण है कि ऊंची चीजों पर बिजली गिरने की संभावना अधिक रहती है. अगर आसपास कोई ऊंची चीज न हो तो बिजली इंसान या धरती पर गिरती है.
घर और कार से बच सकती है जान
बिजली गिरने के चलते अधिकतर वे लोग हताहत होते हैं, जो खुले में होते हैं. घर और कार जैसी बंद जगह इंसान को बिजली से बचाती हैं. कार पर जब बिजली गिरती है, तब वह टायर से होते हुए धरती में चली जाती है. इसी तरह घर पर बिजली गिरने से वह नींव के रास्ते धरती में जाती है. बिजली गिरते समय अगर कोई नल से निकल रहे पानी के संपर्क में हो या फिर लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल कर रहा हो तो उसे झटका लग सकता है.
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