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दर्द बरकरार है! गंडक नदी में जलस्तर कम होते ही शुरू हुआ कटाव, कई गांव पर मंडरा रहा खतरा

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Published : Sep 17, 2021, 11:45 AM IST

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गोपालगंज में गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर और तेज बहाव के बाद तटबंध में कटाव की समस्या शुरू हो गई है. इससे लोगों में काफी डर है. हालांकि तटबंध मरम्मती का कार्य शुरू कर दिया गया है.

गोपालगंज:बिहार के गोपालगंज (Gopalganj) जिले में गंडक नदी का तांडव एक बार फिर शुरू हो चुका है. गंडक नदी (Gandak River) के जलस्तर में कमी होते ही अब कटाव (Erosion) की समस्या शुरू हो गयी है. जिसके कारण नदी किनारे रहने वाले लोगों के ऊपर खतरा मंडराने लगा है. हालांकि बाढ़ नियंत्रण विभाग की ओर से मौके पर कटाव रोधी कार्य शुरू कर दिया गया है.

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दरअसल, बरौली प्रखण्ड के सलेमपुर गांव के दियरा इलाके के लोग कभी बाढ़, तो कभी कटाव की समस्या से हमेशा ही परेशान रहते हैं. अभी हाल में ही वाल्मीकि नगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद पूरे इलाके में बाढ़ ने दस्तक दे दिया था. जिससे काफी जानमाल का नुकसान हुआ. इस दौरान कई लोग बेघर हो गए और कई लोगों के मकान गंडक में समा गए.

देखें रिपोर्ट.

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बता दें कि कई लोग आज भी बांध पर सरण लिए हुए हैं. दियारावासियों की परेशानी अभी कम भी नहीं हुई थी कि जलस्तर कम होते ही कटाव शुरू हो गया. इस कटाव की वजह से निमुइया सलेमपुर समेत कई पंचायत के लोगों का सैकड़ों एकड़ में लगे गन्ना का फसल बर्बाद हो गया है. इसके साथ ही जमीन भी कटने शुरू हो गए हैं.

आलम यह है कि रोजाना कटाव का दायरा बढ़ता जा रहा है. कटाव होते-होते अब गांव के पास पहुंच गया है. जिससे स्थानीय लोग डरे हुए हैं. कई लोगों की रात की नींद भी खत्म हो चुकी है. लोगों को रात-रात भर जग कर निगरानी करना पड़ता है. वहीं, बात करें विभागीय कटाव रोधी कार्य की, तो यहां सिर्फ बांस-बल्ला लगाकर कटाव को रोकने की नाकाम कोशिश की जाती है.

ईटीवी भारत की टीम जब ग्राउंड जीरो पर पहुंची, तो लोगों के आंखों में एक आशा की किरण जगी. उन्हें लगा कि कोई तो उनकी सुध लेने आया हुआ है. बहरहाल, कटाव से भयभीत लोगों ने अपनी-अपनी दु:खों को बताया. इस संदर्भ जब बाढ़ नियंत्रण विभाग के जेई से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि कटाव रोधी कार्य किया जा रहा है. अभी कटाव स्थिर है. कटाव रोधी कार्य में लगभग 60 से 70 कर्मियों को लगाया गया है.

'उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार कटाव रोधी कार्य कराया जा रहा है. कटवा वाले क्षेत्र को सुरक्षित कराया जा रहा है. पहले कटाव की गति 1 से डेढ़ मीटर तक हो रहा था. लेकिन अब कम हो गया है. लगभग 600-700 मीटर के एरिया में कार्य किया जा रहा है. जिसमें 60-70 कर्मियों को लगाया गया है.' -जय कृष्ण यादव, जेई

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