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'तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी में है दुनिया, पृथ्वी पर समस्या के लिए मनुष्य जिम्मेदार'- दलाई लामा

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 30, 2023, 4:03 PM IST

Dali Lama Teaching : बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा का तीन दिवसीय टीचिंग कार्यक्रम का आज दूसरा दिन था. बौद्ध धर्म गुरु ने कहा कि बुद्धम शरणम गच्छामि को समझकर विश्व में शांति लायी जा सकती है. पढ़ें पूरी खबर.

Dali Lama Teaching
Dali Lama Teaching

गया : बिहार के बोधगया में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा की दूसरे दिन की टीचिंग हुई. दलाई लामा टीचिंग को विश्व भर के पांच दर्जन से अधिक देशों के 60 हजार से अधिक बौद्ध श्रद्धालुओं ने सुना. इस दौरान दलाई लामा ने कहा कि आज दुनिया में देखें तो पहले विश्व युद्ध, दूसरे विश्व युद्ध के बाद अब तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी है.

''हमने परमाणु बम बना लिए हैं, औजार बना लिए हैं. पृथ्वी पर जितनी समस्याएं उत्पन्न हो रही है, उसके लिए मनुष्य जिम्मेदार हैं. यह विश्व के लिए अच्छा संकेत नहीं है. पशु पक्षी भी समस्या पैदा नहीं करते, लेकिन पृथ्वी पर मनुष्यों के द्वारा समस्याये पैदा की जा रही है.''-दलाई लामा, बौद्ध धर्म गुरु

टीचिंग कार्यक्रम में शामिल बौद्ध धर्मावलंबी.

'हमें एक होना चाहिए, तभी विश्व में शांति आएगी' : दलाई लामा ने टीचिंग में दुनिया को व्याप्त हो रही समस्याओं पर सचेत किया. उन्होंने कहा कि हमें एक होना चाहिए, ताकि विश्व में शांति लाई जा सके. दुनिया को एक सोच बनानी होगी, जिससे शांति की स्थापना हो. दूसरों को दुश्मन मानने की सोच को बदलना होगा. सच्चाई यह है कि, मैं और वो जैसी भावना ही झगड़े की मूल जड़ में है, इसे दूर करना होगा.

बोधगया पहुंचे बोद्ध श्रद्धालु.

बुद्धम शरणम गच्छामि को समझें :बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने प्रवचन के दौरान कहा कि जीत-हार के चक्कर में युद्ध की ओर न जाएं. सभी लोग मित्रता व्यवहार करें, तो विश्व शांति होगी. बुद्धम शरणम गच्छामि का अर्थ है, अच्छाइयां है उसे प्राप्त करें और बुराइयों को दूर करें. हमें बुराइयों को हटाने की जरूरत है.

दलाई लामा को सुनते अनुयायी.

दुनिया के आठ अरब लोग चाहते हैं शांति :दलाई लामा ने कहा कि विश्व शांति की बात दुनिया में सभी चाहते हैं, किंतु शांति का अभ्यास नहीं करते जो करनी चाहिए. दुनिया के सात-आठ अरब लोग शांति चाहते हैं और उसके लिए हमें सोच बनानी होगी, जिससे विश्व में शांति की स्थापना हो. शांति के लिए बोधचित और अच्छाई की जरूरत है, जिसका अभ्यास हर किसी को करना चाहिए. हथियार से हटकर से मित्रता की भावना करनी चाहिए और एक सोच बनानी होगी, जिससे विश्व में शांति की स्थापना हो.

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