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गया: OTA में लगी हथियारों की प्रदर्शनी, NCC कैडेट्स को दी गई ट्रेनिंग

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Published : Nov 21, 2019, 12:23 PM IST

​​​​​​​ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर सुधीर कुमार ने बताया कि गया ग्रुप हर साल इसको करता है. इसमें अलग-अलग राज्य से एनसीसी कैडेट्स आते हैं.

OTA में लगायी गयी हथियारों की प्रदर्शनी

गया: अफसर प्रशिक्षण अकादमी की ओर से हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई. जिसमें रॉकेट लॉन्चर, मल्टी शॉर्ट ग्रेनेड लॉन्चर, स्नापर राइफल, मशीनगन देखने एनसीसी कैडेट्स पहुंचे. कार्यक्रम में सभी कैडेट्स को हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी दिया गया.

NCC कैडेट्स को दिया गया प्रशिक्षण

हथियारों की प्रदर्शनी
बुधवार को अफसर प्रशिक्षण अकादमी की ओर से हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई. इस मौके पर 27 बिहार बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल दीपचंद, कर्नल संदीप भाटिया,कर्नल अनुप व्यास,मेजर हरिपाल मौजूद रहे. इस पदर्शनी को देखकर एनसीसी कैडेट्स बहुत ही खुश हुए. ये सभी कैड्टस 5 डायरेक्ट के उत्तर पूर्वी खंड, उड़ीसा, राजस्थान,पश्चिम बंगाल, सिक्किम और बिहार झारखंड से आये थे.

अफसर प्रशिक्षण अकादमी का दृश्य

'फिल्मों में देखा था ऐसा कार्यक्रम'
कैडेटों ने कहा कि पहले मैं फिल्मों में देखा करता था और आज देखने के साथ-साथ छूने और फायरिंग करने का भी मौका मिला. प्रत्येक उपकरण के साथ उससे जुड़ी तमाम जानकारी के बोर्ड भी लगाए गए. स्टॉल पर आने वाले सभी कैडेटों को यहां मौजूद सैनिकों सुबेदार संजू कुमार, सुबेदार जोगिंदर सिंह, नयाब सूबेदार दिल चंद प्रधान, दिनेश कुमार, बीएचएम गुलाब सिंह सीएचएम रविशंकर हवलदार संजय कुमार जयवीर सिंह मनोज कुमार अजय गुरुंग,सुनील यादव,राजेश कुमार,फड़तरे कृष्णा,हरप्रीत सिंह, देवेन्द्र सिंह आदि लोगों ने संबंधित उपकरण को चलाने और उसके उपयोग के तरीके भी बताए.

OTA में लगायी गयी हथियारों की प्रदर्शनी

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हर साल होता है एनसीसी कैडेट्स के लिए कार्यक्रम
ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर सुधीर कुमार ने बताया कि गया ग्रूप हर साल इसको करता है. इसमें अलग-अलग राज्य से एनसीसी कैडेट्स आते हैं और हथियारों के बारे में जान सके. उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम से लोग पुराने इतिहास से भी जुड़ते हैं और अपने अनुभव भी साझा करते हैं.

किन उपकरणों की क्या विशेषता
ऑटोमेटिक ग्रेनेट लॉन्चर: इसमें एक बार में 30 ग्रेनेट दागे जा सकते हैं. कितनी दूर तक गे्रनेट को दागना है, जिसकी दूरी भी इसमें सेट होती है. तीन जवान इसे चलाने के लिए लगते हैं.
मेटलिक गन मशीन: एक मिनिट में एक हजार गोली दागने की क्षमता. जिसे चलाने व उसके उपयोग के तरीके की भी जानकारी दी. वही मौके पर कैडेटों को हौसला अफजाई के लिए ओटीए के डिप्टी कमांडेंट एवं ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर सुधीर कुमार ने विशेष बातें बताई.

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