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भारत-नेपाल सीमा सुरक्षा को लेकर को कोर्डिनेशन कमिटी की बैठक, नो मेंस लैंड पर हुआ अतिक्रमण रहा मुख्य मुद्दा

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Published : Jul 28, 2021, 10:08 AM IST

Updated : Jul 28, 2021, 11:49 AM IST

आपसी सामंजस्य को लेकर फिर से भारत और नेपाल के अधिकारी (India Nepal Officers) एक टेबल पर आने लगे हैं. भारत-नेपाल के सीमा सुरक्षा (Indo Nepal Border Security) को लेकर दोनों देशों के जिला को-कोर्डिनेशन कमिटी की बैठक संपन्न हुई. जिसमें नो मेंस लैंड (No Mans Land) के अतिक्रमण पर चर्चा हुई. पढ़ें रिपोर्ट...

भारत-नेपाल सीमा सुरक्षा को लेकर कोर्डिनेशन कमिटी की बैठक
भारत-नेपाल सीमा सुरक्षा को लेकर कोर्डिनेशन कमिटी की बैठक

मोतिहारी:नेपाल में नई सरकार (New Government in Nepal) के बनने के बाद आपसी सामंजस्य को लेकर फिर से भारत और नेपाल के अधिकारी एक टेबल पर आने लगे हैं. भारत-नेपाल के सीमा सुरक्षा को लेकर दोनों देशों के जिला कोकोर्डिनेशन कमिटी (District Coordination Committee) की बैठक मोतिहारी समाहरणालय स्थित राधाकृष्णन भवन के सभागार में संपन्न हुई.

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इंडो- नेपाल बॉर्डर डिस्ट्रिक्ट कोकोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक की अध्यक्षता डीएम (Motihari DM) शीर्षत कपिल अशोक ने की. जिसमें नो मेंस लैंड पर हुआ अतिक्रमण मुख्य मुद्दा रहा. इसके अलावे भी कई मुद्दों पर चर्चाएं हुईं. बंजरिया के अलावा औरैया ईशनाथ नगर पालिका और भारत द्वारा निर्मित पिलर संख्या 347 के आसपास नो मेंस लैंड में 10 स्थानों पर हुए अतिक्रमण को खाली कराने पर सहमति बनी.

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इसके अलावा दोनों देशों में शरण लेने वाले अपराधियों, तस्करी और सीमा पर शांति बनाए रखने के मुद्दों पर विस्तार से चर्चाएं हुई. उलझे हुए मसलों पर सहमति भी बनी. बैठक में भारत-नेपाल के बीच कुछ उलझे हुए मसलों पर भी चर्चाएं हुई.

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द्विपक्षीय नियमित संचार और सूचनाओं के आदान-प्रदान के अलावा सीमावर्ती क्षेत्र के नागरिकों के लिए, नागरिक शिक्षा को बढ़ावा देने पर भी आपसी सहमति बनी. बैठक में पूर्वी चंपारण जिला के डीएम शीर्षत कपिल और एसपी नवीन चंद्र झा के अलावा नेपाल सरकार की ओर से रौतहट के चीफ डिस्ट्रिक ऑफिसर इंद्रदेव यादव, नेपाल, रौतहट के सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस सिद्धि विक्रम साहा समेत भारत व नेपाल के कई अधिकारी मौजूद थे.

बताते चलें की नेपाल के नवनियुक्त प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा (Nepal Prime Minister Sher Bahadur Deuba) हैं. गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप से नेपाल में संसद बहाल की गई, जिसके बाद देउबा 12 जुलाई को लगातार पांचवी बार प्रधानमंत्री बने और उन्हें 275 सदस्यीय सदन में 165 सदस्यों का समर्थन हासिल हुआ. इससे पहले देउबा ने 1995 से 1997, 2001 से 2002, 2004 से 2005 और 2017 से 2018 तक प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई थी. देउबा अगले डेढ़ साल तक इस पद पर रहेंगे, क्योंकि मौजूदा संसद का कार्यकाल डेढ़ साल ही शेष है.

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Last Updated :Jul 28, 2021, 11:49 AM IST

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