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हरियाणा गैंगरेप का दोषी है दरभंगा का अरुण, बोली पत्नी- 'बीमार पिता व पारिवारिक स्थिति खराब रहने के कारण कमाने गए थे'

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 28, 2023, 1:05 PM IST

Haryana Gangrape Case: हरियाणा की सोनीपत न्यायालय ने दो नाबालिग बहनों की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में चार आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई है. चारों बिहार के रहने वाले हैं. फांसी की सजा पाने वालों में तीन दोषी दरभंगा के बिरौल थाना क्षेत्र के मजगाही गांव के रहने वाले हैं. जबकि एक दोषी समस्तीपुर जिले का है. चार बच्चों के पिता दोषी अरुण के घर में खबर मिलते ही कोहराम मच गया है. पढ़ें पूरी खबर.

हरियाणा गैंगरेप का दोषी है दरभंगा का अरुण
हरियाणा गैंगरेप का दोषी है दरभंगा का अरुण

दरभंगा: बिहार के दरभंगा जिले के बिरौल थाना क्षेत्र के मजरगाही गांव निवासी अरुण की माली हालत ठीक नहीं थी. ऐसे में अपने घर की माली स्थिति को ठीक करने के लिए रोजी-रोटी की जुगाड़में वह हरियाणा गया. अपने ही क्षेत्र के लोगों के साथ हरियाणा में राज मिस्त्री का काम करने गया था.

हरियाणा में रहकर राजमिस्त्री का काम करता था: दो वर्ष पहले 9 अगस्त 2021 को अरुण व उसके तीन दोस्तों को दुष्कर्म कर हत्या के मामले में अभियुक्त बनाया गया. इस बीच सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे फांसी की सजा दी. दुष्कर्म मामले में फांसी की सजा मिलने की खबर ने परिजनों को झकझोर कर रख दिया है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

दुष्कर्म कर जहर खिलाकर मार डालने का आरोप: घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि बिरौल थाना क्षेत्र के मजगाही निवासी सत्तो पंडित के पुत्र अरुण पंडित, जिले के मसहोरी गांव के फूलचंद, झकेली गांव के दुखन पंडित व समस्तीपुर जिले के बाड़ा निवासी रामसुहाग रोजी रोटी के लिए हरियाणा गए. सभी पर सोनीपत कुंडली में 5 अगस्त 2021 को पड़ोस की ही दो किशोरियों के साथ दुष्कर्म कर, उन्हें जहर खिलाकर मार डालने का आरोप लगा.

इस मामले में मृतका के परिजनों के आवेदन पर 9 अगस्त 2021 को कुंडली थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी और पुलिस ने सभी नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं हरियाणा के सोनीपत न्यायालय में सुनवाई के दौरान अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश सुरुचि अतरेजा सिंह ने 24 नवंबर को चारों दोषियों को मृत्युदंड की सजा सुना दी.

क्षमा याचिका दायर करने के तैयारी में जुटे परिजन:इस बात की जानकारी मिलते ही अरुण पंडित के पिता सत्तो पंडित अपने कुछ शुभचिंतक के साथ हरियाणा पहुंचकर न्यायालय में दया याचिका दायर करने की तैयारी में जुटे हैं. वहीं मृत्युदंड की खबर से स्तब्ध अरुण पंडित की पत्नी रूपा देवी ने कहा कि पति के जेल जाने के बाद वह बहेड़ी बाजार में मजदूरी का काम करने लगी है. किसी प्रकार परिवार का भरण पोषण होता है.

दो वर्ष पहले कमाने के लिए गए थे हरियाणा:रूपा देवी ने बताया कि उन्हें चार संतान है, जिसमें दो लड़का और दो लड़की है. सबसे बड़ी लड़की घर की स्थिति खराब होने पर 6 कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़कर अपने भाई-बहन के साथ गांव में अपने दादा और दादी के साथ रहती है. बीमार पिता व पारिवारिक स्थिति खराब रहने के कारण हमारे पति कमाने के लिए हरियाणा गए थे.

"शुरुआती दौर में सभी चीज ठीक ठाक चल रहा था. दो वर्ष पूर्व एक दिन अचानक जानकारी मिली कि अरुण व उसके तीन दोस्तों को दुष्कर्म कर हत्या के मामले में आरोपी बनाया गया है. जिसके बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी हमारे कंधे पर आ गयी और मैं अपने परिवार को छोड़कर बहेड़ी बाजार में मजदूरी कर रही हूं."-रूपा देवी, अरुण की पत्नी

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