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'कृषि मंत्री ने की वादाखिलाफी, सदन में ऑन रिकॉर्ड कहा था मिथिला मखाना के नाम से मिलेगा जीआई टैग'

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Published : Nov 15, 2021, 3:17 PM IST

मखाना के जीआई टैग (GI tag for makhana) पर बिहार में क्षेत्र को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. मिथिला की पहचान मखाना को 'बिहार मखाना' के नाम से जीआई टैग दिलाए जाने से मिथिला के लोग काफी निराश हैं. अब बीजेपी के एमएलसी ने ही सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Amarendra Pratap Singh) पर ये आरोप लगा दिया है.

अमरेंद्र प्रताप सिंह
अमरेंद्र प्रताप सिंह

दरभंगाःमिथिला की पहचान मखाना को 'बिहार मखाना' के नाम से जीआई टैग दिलाए जाने को लेकर राजनीति गरमा गई है. मिथिला के जनप्रतिनिधि बिहार मखाना के बजाए 'मिथिला मखाना' नाम से जीआई टैग (GI tag for mithila makhana) दिए जाने की मांग कर रहे हैं. इस बीच भाजपा के एमएलसी अर्जुन सहनी (Mlc Arjun Sahni) ने अपनी ही सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह (Amarendra Pratap Singh) पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है.

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अर्जुन सहनी ने कहा कि कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप ने विधान परिषद में ऑन रिकॉर्ड बयान दिया था कि मखाना को जीआई टैग मिथिला मखाना के नाम से ही दिलाया जाएगा. लेकिन सरकार ने इसके उलट मखाना को बिहार मखाना के नाम से जीआई दिलाने पर काम शुरू कर दिया है, जो सही नहीं है.

'मखाना मिथिला की पहचान है और इससे मिथिला के मल्लाह जाति के लाखों लोगों को रोजगार मिलता है. 28 जुलाई 2021 को सदन में हमने एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाकर कृषि मंत्री से सवाल किया था कि मखाना को मिथिला मखाना के नाम से जीआई टैग मिलेगा या नहीं. कृषि मंत्री ने उस समय सवाल का जवाब देते हुए सदन में ऑन रिकॉर्ड कहा था कि मखाना को मिथिला मखाना के नाम से जीआई टैग मिलेगा. सरकार ने इसको लेकर संबंधित संस्था को प्रस्ताव भी भेज दिया है'- अर्जुन सहनी, एमएलसी, भाजपा

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एमएलसी अर्जुन सहनी ने सवाल उठाया कि अगर मिथिला मखाना के नाम से जीआई टैग दिलाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी तो फिर अब ऐसी खबर क्यों आ रही है कि मखाना को बिहार मखाना के नाम से जीआई टैग दिया जा रहा है. अर्जुन सहनी ने कहा कि इससे यह संदेश जा रहा है कि सरकार मिथिला के लोगों की उपेक्षा कर रही है.

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बता दें की पूर्णिया की एक संस्था ने 2020 में मखाना को जीआई टैग दिलाने का प्रयास शुरू किया था. संस्था ने 'बिहार मखाना' के नाम से जीआई टैग दिलाने के लिए आवेदन किया था. जिसका समर्थन सबौर कृषि विश्वविद्यालय भागलपुर ने भी लिखित रूप से किया था. इस खबर के आने के बाद मिथिला के लोगों और यहां के जनप्रतिनिधियों ने बिहार मखाना नाम का विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी. उसके बाद सरकार ने कहा था कि मखाना को जीआई टैग मिथिला मखाना के नाम से ही मिलेगा.

अब डेढ़ साल बाद ही बिहार सरकार अपने वादे से पलट गई और मखाना को बिहार मखाना के नाम से जीआई टैग दिलाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. इसको लेकर मिथिला इलाके के जनप्रतिनिधियों और आम लोगों में आक्रोश है. कई संस्थाओं ने इसके खिलाफ आंदोलन भी शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में दरभंगा के विद्यापति सेवा संस्थान ने 29 नवंबर को दिल्ली में संसद के घेराव का एलान भी किया है.

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