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78 दिनों बाद खुले मिथिलांचल के प्रसिद्ध श्यामा मंदिर के कपाट, श्रद्धालुओं में खुशी

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Published : Jun 8, 2020, 12:48 PM IST

कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच सोमवार से मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं. पहले दिन ही काफी संख्या में भक्त नजर आए. इस दौरान उन्हें कई नियमों का पालन करना पड़ा.

श्यामा मंदिर दरभंगा
श्यामा मंदिर दरभंगा

दरभंगा:कोरोना महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन के दौरान बंद हुए सार्वजनिक स्थलों को सोमवार से खोलने की अनुमित दी गई है. अनलॉक-1 में भक्तों और भगवान के बीच की दूरी मिट गई है. इसी क्रम में तकरीबन 78 दिनों बाद मिथिलांचल के प्रसिद्ध श्यामा मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है.

मंदिर खुलते ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया है. मंदिर प्रबंधन ने दर्शन के लिए कई शर्तें रखी हैं. नई गाइडलाइन के मुताबिक अब बिना मास्क लगाए मंदिर में प्रवेश नहीं मिल रहा है. साथ ही मंदिर प्रबंधन की ओर से हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था भी की गई है. वहीं, पूजा-पाठ पूरी तरह से वर्जित है.

मंदिर में प्रवेश से पहले दिया जा रहा सैनिटाइजर

सोशल डिस्टेंसिंग के बीच भगवान के दर्शन
श्यामा मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचे एक श्रद्धालु सतवंत ने कहा कि कई महीनों बाद मंदिर में माता का दर्शन कर बहुत शांति मिल रही है. मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग के तहत दर्शन कराया जा रहा है. यहां कोरोना से बचाव के लिए हर सावधानी बरती जा रही है. उन्होंने मंदिर प्रबंधन की व्यवस्था की तारीफ की.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

कोरोना से निजात की मांगी दुआ
वहीं, अन्य श्रद्धालु सोनी कुमारी ने कहा कि करीब 3 महीने बाद वे मंदिर आई हैं. दर्शन करके बहुत अच्छा लग रहा है. प्रसाद चढ़ाने और अगरबत्ती आदि जलाने की अनुमति नहीं है. फिर भी दर्शन करके ही बहुत संतोष हुआ. उन्होंने मां श्याया से विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाने की कामना की.

श्यामा मंदिर में स्थापित मां श्यामा की मूर्ति

गाइडलाइन का पूरी तरह से किया जा रहा पालन
श्यामा मंदिर धार्मिक न्यास समिति के प्रबंधक चौधरी हेमचंद्र राय ने कहा कि कोरोना की वजह से मंदिर को 21 मार्च से आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया था. अब सरकार के निर्देशानुसार विशेष सावधानी के तहत मंदिर को आम लोगों के लिए खोला गया है. प्रवेश के बाद साबुन से हाथ को धोना है. उसके बाद हैंड सैनिटाइजर से हाथ साफ करना है. फिर सोशल डिस्टेंसिंग के तहत बनाए गए अलग-अलग गोल घेरे में रहकर मंदिर के अंदर जाना है. एक बार में केवल 5 लोगों को दर्शन की अनुमति दी गई है. हालांकि पूजा-अनुष्ठान और अन्य मांगलिक कार्यों की अनुमति अभी नहीं दी गई है.

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