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खाट स्ट्रेचर... नाव एंबुलेंस, बिहार के दरभंगा में मरीजों को ऐसे पहुंचाया जा रहा अस्पताल

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Published : Jul 25, 2021, 12:02 PM IST

नाव बनी एम्बुलेंस
नाव बनी एम्बुलेंस

बिहार के दरभंगा ( Darbhanga ) जिले के कई क्षेत्र में बाढ़ आ जाने से लोगों को परेशानी हो रही है. कुशेश्वरस्थान प्रखंड क्षेत्र में इन दिनों बीमार लोगों के लिए नाव एम्बुलेंस का काम कर रही है. पढ़ें पूरी खबर...

दरभंगा:जिले के कुशेश्वरस्थान प्रखंड ( Kusheshwarsthan Block ) के लोग हर साल बाढ़ का दंश झेलने को विवश हैं. लाखों की आबादी हर साल इससे प्रभावित होती है. वहीं हजारों परिवार विस्थापित होकर सड़क के किनारे रहने को मजबूर होते हैं. कमला, कोसी और अधवारा समूह की नदियों में बाढ़ आ जाने से कुशेश्वरस्थान प्रखंड के कई गांव बाढ़ के पानी ( Flood Water ) से घिरे रहते हैं.

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बाढ़ आ जाने के कारण लोगों को छह महीने तक नाव से आवागमन करना पड़ता है. ऐसे में यहां के लोगों को कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है लेकिन आजादी के बाद से आजतक इसका समाधान नहीं हो सका है.

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बाढ़ के कारण हो रही तबाही और परेशानी का ताजा मामला कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के अकौन गांव का है. जहां खेलने के क्रम में गणेश पंडित के भतीजा लक्ष्मण का दाहिना पैर टूट गया. इलाके में बाढ़ की भयावह स्थिति को देखते हुए परिजनों ने टूटे पैर का इलाज कराने के लिए किसी तरह एक नाव की व्यवस्था की.

नाव में खाट को स्ट्रेचर की तरह रखकर उसका उपयोग एम्बुलेंस के रूप में किया और गांव से लगभग 10 किलोमीटर दूर कुशेश्वरस्थान डॉक्टर के पास पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने लक्ष्मण के टूटे पैर का समुचित इलाज कर उसे घर भेज दिया.

वहीं गणेश पंडित ने बताया कि पूरे इलाके में बाढ़ का पानी भरा हुआ है. ऐसे में दर्द से कराह रहे अपने भतीजे का इलाज कराने को लेकर एक बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई. जिसके बाद किसी तरह से नाव के सहारे बच्चे को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे.

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गणेश पंडित ने कहा कि इस क्षेत्र में शायद ही कोई ऐसा जगह है, जहां बाढ़ का पानी नहीं है. लोगों को काफी कठनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. किसी प्रकार के काम के लिए हमलोगों को नाव का सहारा लेना पड़ता है. प्रशासन की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है.

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