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पेंशन घोटाला के आरोप पर बोले कांग्रेस विधायक- 'ये विधानसभा की गड़बड़ी.. आरोप लगाने वालों पर करूंगा FIR'

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Published : Oct 20, 2021, 10:34 AM IST

Updated : Oct 20, 2021, 12:08 PM IST

बक्सर में पूर्व विधायक दिवंगत राम नारायण राम की पत्नी गीता देवी के नाम पर पेंशन का लाभ उठाने का आरोप है. इस मामले में वर्तमान कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम और उनकी पत्नी पर संदेह के बाद उन्होंन इसपर सफाई दी है और मामले की जांच कराने की बात कही है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

पेंशन फर्जीवाड़ा
पेंशन फर्जीवाड़ा

बक्सर:बिहार के बक्सर जिले के राजपुर विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम (Congress MLA Vishwanath Ram) की पत्नी पर पेंशनघोटाला (Pension Scam In Buxar) को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं. इस मामले पर विश्वनाथ राम ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि यदि एक रुपये भी खाते में आया होगा, तो मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा. साथ ही कांग्रेस विधायक ने कहा कि यह सब गड़बड़ी विधानसभा की है. वहां से जो भी दस्तावेज उपलब्ध कराया गया है, उसी में गड़बड़ी हुई है.

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ऐसा आरोप है कि वर्तनाम कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम की पत्नी, जिनका नाम गीता देवी है साल 2016 से प्रत्येक महीने 46,500 अर्थात प्रत्येक साल 5 लाख 58 हजार रुपये पेंशन (Pension Scam In Buxar) उनके खाते में जा रहा है. लेकिन अब तक कोई भी सम्बंधित पदाधिकारी इसको स्पष्ट नहीं कर पाए हैं. वहीं, इस मामले को लेकर विश्वनाथ राम ने कहा कि विधानसभा के अधिकारियों की लापरवाही के कारण कोई बड़ा मिस्टेक हुआ है. जिसके कारण माननीयों के खादी पर दाग लग रहा है. उन्होंने कहा कि बिना तथ्य के इस प्रकरण को लेकर मेरी पत्नी पर कोई आरोप लगाएगा, तो उस पर मानहानि और हरिजन एक्ट में एफआईआर दर्ज कराया जाएगा. चाहे वह नेता हो या अधिकारी या फिर पत्रकार.

देखें रिपोर्ट.

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'मेरे चाचा जिन्होंने मुझे गोद लिया था, उनकी दोनों पत्नी की मृत्यु हो गई थी. जिसमें किसी का नाम गीता देवी था या नहीं यह भी बताना मुश्किल है. मेरी पत्नी का नाम गीता देवी जरूर है. लेकिन उनके खाते में कोई पैसा नहीं आया है. 24 जुलाई को जब पूर्व विधायक दिवंगत रामनारायण राम का निधन हुआ, तो इसकी सूचना अब तक बिहार विधान सभा को नहीं दी गई, तो पेंशन की राशि कैसे पत्नी के नाम पर जारी हो जाएगा.'-विश्वनाथ राम, वर्तमान कांग्रेस विधायक

बता दें कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए कांग्रेस के वर्तमान विधायक विश्वनाथ राम ने राज्य निर्वाचन आयोग को दो एफिडेविट दिया है. पहले दिए गए एफिडेविट में जो जानकारियां दी गई है उसमें न तो उन्होंने अपने पत्नी का जिक्र किया है और न ही अपने आश्रितों के बारे में कोई जानकारी दी है. जिसे निर्वाचन आयोग के साइट पर आज भी देखा जा सकता है.

इसे लेकर जब कांग्रेस विधायक से पूछा गया कि आखिर एफिडेविट में उन्होंने अपने पत्नी और बच्चों का नाम क्यों छुपाया है, तो उन्होंने निर्वाचन आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह निर्वाचन आयोग की गलती है. हमने दो एफिडेविट दिया था. जिसमें से एक एफिडेविट गलत था. जिसके बाद दूसरा एफिडेविट दिया गया. निर्वाचन आयोग ने गलत एफिडेविट को ही ऑनलाइन कर दिया और सही एफिडेविट ऐसे ही रह गया, जिसका प्रमाण भी है.

बता दें कि बिहार में 900 से अधिक माननीयों के नाम पर फर्जी पेंशन जारी करने का मामला सामने आया है. विधानसभा अध्यक्ष ने यह आश्वासन दिया है कि जल्द ही नई लिस्ट जारी कर दी जाएगी.

वहीं, स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि 1960 के दशक में पूर्व दिवंगत विधायक रामनारायण राम की शादी हुई थी. लेकिन उनकी पत्नी वर्षों पहले ही गुजर गई. अब उनके परिवार में गीता देवी नाम की केवल एक ही महिला है, जो वर्तमान कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम की पत्नी है. विधानसभा से प्राप्त दस्तावेज के अनुसार जब ईटीवी भारत की टीम पूर्व विधायक दिवंगत राम नारायण राम के गांव पहुंची, तो वहां के स्थानीय लोगों ने बताया कि 60 साल पहले ही स्वर्गीय रामनरायण राम की पत्नी की मृत्यु हो गई थी. हैरानी की बात यह है कि पति की मौत से 50 साल पहले जब पत्नी का देहांत हो गया, तो आखिर पेंशन में उनका नाम किसने चढ़वा दिया.

राजपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक रहे दिवंगत राम नारायण राम का निधन साल 2016 में ही हो चुका है. श्मशान घाट से मिली मृत्यु पत्र के अनुसार 2 बार विधायक रह चुके दिवंगत रामनारायण राम का अंतिम संस्कार 25 जुलाई दिन सोमवार को हिन्दू रीति रिवाज से चरित्रवन श्मशान घाट पर किया गया था. पूर्व विधायक को उनके बड़े भाई रामनवमी राम ने उस समय मुखाग्नि दी थी, जो चौसा प्रखंड के सोनपा गांव के मूल निवासी थे.

बीजेपी के वरिष्ठ नेता दिवंगत रामनारायण राम पहले शिक्षक थे. जिसके बाद उन्होंने 1977 में शिक्षक की नौकरी छोड़ दी और जनसंघ से अपना नाता जोड़ लिया. तब वह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के कहने पर जनसंघ से जुड़े. इसके बाद 1985 से लेकर 1995 तक लगातार 10 वर्षों तक 202 राजपुर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सिंबल पर विधायक चुने गए. जनसंघ से जुड़ने के बाद पहली बार 1985 में जब वह राजपुर विधानसभा से विधायक चुने गए, तो पटना कमिश्नरी में बोजेपी के सिंबल पर चुनाव जीतने वाले वह इकलौता विधायक थे.

गौरतलब है कि दिवंगत राम नारायण राम की पत्नी बनकर पेंशन उठाने वाली गीता देवी नाम की महिला को लेकर पूरे जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म है. कोई इस पूरे प्रकरण का मास्टर माइंड वर्तमान कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम और उनकी पत्नी गीता देवी को बता रहा है, तो कोई अधिकारियों से इस पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग कर रहा है. देखने वाली बात यह होगी कि सरकार उस गीता देवी को खोज निकालती है या फिर मामले को ऐसे ही छोड़ दिया जाता है.


Last Updated : Oct 20, 2021, 12:08 PM IST

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