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मूल प्रमाण पत्र पाने के लिए MU के छात्र हो रहे परेशान, बोले VC- डिजिटल प्रमाण पत्र देने की दिशा में हो रहा काम

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Published : Dec 7, 2019, 2:03 PM IST

मगध विश्वविद्यालय के कई स्टूडेंट्स को पास हुए 10 से 15 साल बीत चुके हैं. लेकिन, उन्हें अभी तक इंटर से लेकर स्नातक मूल प्रमाण पत्र नहीं मिला है. अभ्यर्थियों ने बताया कि एक प्रमाण पत्र के लिए महीनों का वक्त लग रहा है. कई बार विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

magadh university
मगध विश्वविद्यालय

औरंगाबाद: मगध विश्वविद्यालय बोधगया के छात्र छात्राओं को डिग्री का मूल प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए पसीने छूट रहे है. स्टूडेंट महीनों कॉलेज और वीसी के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं. वीसी का दावा डिजिटल प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया गया है.

एक प्रमाण पत्र के लिए महीनों लगा रहे चक्कर
मगध विश्वविद्यालय के कई स्टूडेंट्स को पास हुए 10 से 15 साल बीत चुके हैं. लेकिन, उन्हें अभी तक इंटर से लेकर स्नातक मूल प्रमाण पत्र नहीं मिला है. अभ्यर्थियों ने बताया कि एक प्रमाण पत्र के लिए महीनों का वक्त लग रहा है. कई बार विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. फिर भी कोई काम ही नहीं करना चाहता.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

वीसी ने दिया है आश्वासन
हिमाचल प्रदेश से चलकर आई अमृता ने बताया कि जनवरी में ऑनलाइन अप्लाई किया था. इसके बावजूद भी अबतक प्रमाण पत्र नहीं मिल सका. कई बार विश्वविद्यालय के चक्कर भी लगाने पड़े. हालांकि उन्होंने कहा कि वीसी ने अब जाकर प्रमाणपत्र जारी करने का आश्वासन दिया है.

'डिजिटल प्रमाण पत्र देने की दिशा में काम कर रहा विश्वविद्यालय'
मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि विश्वविद्यालय डिजिटल प्रमाण पत्र देने की दिशा में काम कर रहा है. जनवरी के अंदर यह काम पूरा कर लिया जाएगा. रोजाना ही स्टूडेंट्स को डिग्री प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रमाण पत्र में क्यूआर कोड के साथ सभी फीचर मौजूद रहेंगे जिसे कोई भी छात्र कहीं भी अपने मोबाइल से उसे देख सकता है.

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एंकर:- गया जिले स्थित मगध विश्वविद्यालय बोधगया में छात्र छात्राओं के छूट रहे पसीने डिग्री का मूल प्रमाण पत्र। महीनों चक्कर काट रहे हैं छात्र-छात्राओं। वीसी का दावा डिजिटल प्रमाण पत्र निर्गत।

स्पेशल रिपोर्ट- संतोष कुमार ईटीवी भारत औरंगाबाद


Body:V.O1गौरतलब है कि मगध विश्वविद्यालय बोधगया का कारनामा बीए का अंतिम प्रमाण पत्र जो पहले 10 वर्षो के अंतराल पर महाविद्यालय में विश्वविद्यालय द्वारा भेज दिए जाते थे वह अभी तक नहीं भेजे गए। विद्यार्थियों के उत्तरण हुए 10 से 15 वर्ष हो चुके हैं लेकिन उन्हें अभी तक इंटर से लेकर स्नातक मूल प्रमाण पत्र नहीं मिला है। विश्वविद्यालय पहुंचे अभ्यर्थी जब अपनी प्रमाण पत्र प्राप्त करने को लेकर अपनी परेशानियां के जिक्र किया तब सहज ही विश्वविद्यालय की संवेदनहीनता परिलक्षित हुई। अभ्यर्थी ने बताया कि एक प्रमाण पत्र के लिए महीना महीना समय लग रहा है ।और इसके लिए कई बार विश्वविद्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं और बराबर इसके लिए आरजू मिन्नतें करनी पड़ती है। हिमाचल प्रदेश से चलकर आई अमृता ने बताया कि जनवरी में ऑनलाइन अप्लाई किया था इसके बावजूद भी उन्हें प्रमाण पत्र नहीं मिल सका ।कई बार विश्वविद्यालय का चक्कर भी लगाना पड़ा। यही हाल पटना से आए बाबर अली तथा दरभंगा से कौशलेंद्र के भी है।
1.बाईट:- अमृता सिंह, अभ्यर्थी ,हिमाचल प्रदेश
2.बाईट :- बाबर अली, अभ्यार्थी ,पटना
3. बाईट :-कौशलेंद्र, दरभंगा


Conclusion:V.O.2 मगध विश्वविद्यालय कुलपति डॉ प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद कहां की इस बात की उन्हें कोई जानकारी नहीं है ।उन्होंने कहा कि प्रतिदिन छात्राओं को डिग्री प्रमाण पत्र निर्गत किए जा रहे हैं कुलपति ने कहा कि यदि कोई ऐसी शिकायत मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी। कुलपति ने कहा कि नौकरी संबंधित अभ्यर्थियो को एक से तीन दिन के अंदर डिग्री प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं। साथि कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय डिजिटल प्रमाण पत्र देने की दिशा में कार्य कर रहा है और यह कार्य जनवरी माह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रमाण पत्र में क्यूआर कोड के साथ सभी फीचर मौजूद रहेंगे जिसे कोई भी छात्र कहीं भी अपने मोबाइल से उसे देख सकता है।
4.बाईट:- डॉक्टर प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद, कुलपति मगध विश्वविद्यालय बोधगया।

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