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खस्ताहाल है भोजपुर का ये सरकारी बस स्टैंड, जर्जर बसों ने भी बढ़ाई यात्रियों की परेशानी

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Published : Nov 6, 2019, 8:46 AM IST

Updated : Nov 6, 2019, 11:48 AM IST

इस बस स्टैंड से रोजाना 45 हजार से 50 हजार की आमदनी होती है. इसके बावजूद भोजपुर के इस सरकारी बस स्टैंड की हालत दयनीय है. आरा बस स्टैंड से छपरा, सासाराम, पटना, बक्सर समेत कई शहरों के लिए बस खुलती है.

आराःबिहार राज्य पथ परिवहन निगम के अधीन आरा के सरकारी बस स्टैंड की हालत कई सालों से बदतर है. भोजपुर का यह सरकारी बस स्टैंड सरकार की उपेक्षा का दंश झेल रहा है. स्टैंड की हालत तो खराब है ही साथ ही साथ यहां से चलने वाली ज्यादातर बसें भी जर्जर हालत में है.

जर्जर अवस्था में बस स्टैंड की बसें
इस बस पड़ाव का प्रतिष्ठान अधीक्षक कार्यालय हो या टिकट काउंटर सभी के कमरे जर्जर अवस्था में हैं. बरसात के मौसम में छत से पानी टपकता रहता है. जिससे काम करने में कर्मियों को काफी परेशानी होती है. आरा बस स्टैंड में कुल 12 बसें हैं. जिनमें से अधिकतर बसें जर्जर अवस्था में हैं. वहीं, कर्मचारियों की मानें तो कई बसों का परमिट भी नहीं है.

जर्जर भवन

20 साल पुरानी हैं सभी बसें
दरअसल ये जर्जर बसें 20 साल पुरानी हो चुकी हैं. इन बसों में फायर सेफ्टी, फर्स्ट एड बॉक्स तक उपलब्ध नहीं है. बस स्टैंड में शौचालय नहीं होने से यात्रियों और कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बस स्टैंड में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. लोग शौच के लिए बाहर जाते हैं. यात्रियों का कहना है कि इस बस स्टैंड में कोई भी यात्री सुविधा नहीं है.

जर्जर सरकारी बस

रोजाना हजारों की होती है आमदनी
बता दें कि इस सरकारी बस स्टैंड से रोजाना लगभग दो हजार से ज्यादा यात्री आवागमन करते हैं. वहीं, अगर आमदनी की बात करें तो 45,000 से 50,000 तक रोजाना की आमदनी होती है. इसके बावजूद भोजपुर के सरकारी बस स्टैंड की हालत दयनीय है. आरा बस स्टैंड से छपरा, सासाराम, पटना , बक्सर समेत कई शहरों के लिए बस खुलती है. कुछ समय पहले आरा से दिल्ली तक एयर कंडीशन बस चालू की गई थी. लेकिन अब वह भी बंद हो गई है.

बस स्टैंड में खड़ी खराब बस

'नहीं दिया जाता कोई ध्यान'
प्रतिष्ठान अधीक्षक ने बताया कि जर्जर भवन के बारे में विभागीय सूचना दिए जाने के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. कर्मचारी बताते हैं कि उन्हें महीने में 6400 रुपए मिलते हैं, जिससे उन्हें घर चलाना भी मुश्किल होता है. उनके घर में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

आरा का जर्जर बस स्टैंड और बसें
Intro:जर्जर बस स्टैंड में जर्जर बसें

भोजपुर।


बिहार राज्य पथ परिवहन निगम के अधीन आरा का सरकारी बस पड़ाव की हालत इन दिनों काफी खराब है. भोजपुर का यह सरकारी बस स्टैंड इन दिनों सरकार की उपेक्षा का दंश झेल रही है. ज्ञात हो कि भोजपुर के सरकारी बस स्टैंड से रोजाना लगभग दो हजार से ज्यादा यात्री आवागमन करते हैं वहीं अगर आमद की बात करें 45,000 से 50,000 रोजाना आमद होने के बावजूद भोजपुर के सरकारी बस स्टैंड की हालत दयनीय है. आरा बस स्टैंड से छपरा,सासाराम,पटना ,बक्सर समेत कई शहरों के लिए बस खुलती है कुछ समय पहले आरा से दिल्ली तक पहले एयर कंडीशन बस चालू की गई थी लेकिन अब वह भी बंद हो गई है.


Body:बस पड़ाव के प्रतिष्ठान अधीक्षक कार्यालय हो या टिकट काउंटर सभी के कमरे जर्जर अवस्था में हैं.वही बरसात के मौसम में छत से पानी अक्सर टपकता रहता है जिससे काम करने में कर्मियों को काफी परेशानी होती है. मालूम हो कि आरा बस स्टैंड में कुल 12 बसे हैं जिनमें से अधिकतर बसें जर्जर अवस्था में है. वही कर्मचारियों की माने तो कई बसों का परमिट भी नहीं है. कर्मचारी बताते हैं उन्हें महीने में 6400 रुपए मिलते हैं जिससे उन्हें घर चलाना भी मुश्किल होता है उनके घर में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है. वही बस स्टैंड में शौचालय भी नहीं होने से यात्रियों सहित कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.बस स्टैंड में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जर्जर बसे 20 साल पुरानी हो चुकी है जर्जर बसों में फायर सेफ्टी, फर्स्ट एड बॉक्स तक उपलब्ध नहीं है. प्रतिष्ठान अधीक्षक ने बताया कि जर्जर भवन के बारे में अपने विभागीय सूचना दी जाने के बाद भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

बाइट-मनीष कुमार(यात्री)
बाइट-रामनरेश सिंह(यात्री)
बाइट- नागेंद्र प्रसाद (प्रतिष्ठान अधीक्षक)


Conclusion:
Last Updated :Nov 6, 2019, 11:48 AM IST

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