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कोरोना की भेंट चढ़ा सुल्तानगंज का श्रावणी मेला, गंगाजल भरकर शिव भक्तों ने शुरू की यात्रा

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Published : Jul 24, 2021, 8:57 PM IST

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के चलते लगातार दूसरे साल भागलपुर के सुल्तानगंज में विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला नहीं लगेगा. मेला नहीं लगने से स्थानीय पंडों और व्यापारियों में मायूसी है.

shravani mela sultanganj
सुल्तानगंज

भागलपुर:बिहार के भागलपुरजिला के सुल्तानगंज में सावन माह शुरू होने से 1 दिन पहले गुरु पूर्णिमा को लेकर पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए शिव भक्तों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर अपने बच्चों का मुंडन संस्कार कराया.

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गंगा स्नान के साथ ही शिव भक्तों की बाबा बैद्यनाथ की नगरी देवघर के लिए यात्रा शुरू हो गई. गंगाजल भरकर कुछ भक्तों ने पैदल तो कुछ ने वाहन से अपनी यात्रा शुरू की. इस दौरान गंगा घाट पर कोरोना गाइडलाइन (Corona Guidelines) की धज्जियां उड़ती नजर आई. लोगों ने ना तो चेहरे पर मास्क लगाया था और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे थे. स्थानीय पुलिस गंगा घाटों पर नजर तो आई, लेकिन भीड़ के सामने मूकदर्शक बनी रही.

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बता दें कि रविवार से सावन माह शुरू हो रहा है. सुल्तानगंज में कोरोना के चलते इस साल भी विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला नहीं लगेगा. राज्य सरकार से अनुमति नहीं मिलने की वजह से सुल्तानगंज से देवघर तक लगने वाला 105 किलोमीटर लंबा मेला लगातार दूसरे साल भी नहीं लगेगा. सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर की संभावना के चलते सभी मंदिरों को बंद रखने का निर्देश दिया है. धार्मिक आयोजनों पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है.

ऐसे में शिव भक्त बाबा अजगैबीनाथ (Baba Ajgaibinath) और बाबा बैद्यनाथ (Baba Baidyanath) का दर्शन और जलाभिषेक नहीं कर पाएंगे. सरकार ने अपील की है कि शिव की भक्ति घर पर ही करें, लेकिन कुछ ऐसे भी भक्त हैं जो सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर बाबा बैधनाथ धाम के लिए निकल रहे हैं. शिव भक्तों ने बताया कि बाबा भोले हर रोग और समस्या से निजात दिलाते हैं. वही हैं जो मेरी और मेरे परिवार की रक्षा करते हैं. ऐसे में उनकी भक्ति हम नहीं छोड़ सकते. सरकार कितनी भी बंदिश लगा ले हम बाबा को जरूर जल अर्पण करेंगे.

दूसरी ओर श्रावणी मेला नहीं लगने से स्थानीय पंडों और व्यवसायियों में मायूसी है. मेला में करोड़ों रुपये का कारोबार होता था. कोरोना के चलते लगातार दूसरे साल मेला पर निर्भर व्यवसायियों का व्यापार प्रभावित हुआ है.

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