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DIG विकास वैभव को बेहतरीन काम के लिए IIT कानपुर ने किया सम्मानित

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Published : Nov 6, 2019, 8:00 AM IST

Updated : Nov 6, 2019, 9:54 AM IST

आईपीएस अधिकारी विकास वैभव को आईआईटी कानपुर की तरफ से सत्येंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया. आईआईटी कानपुर में आयोजित समारोह में बिहार कैडर के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी और वर्तमान में भागलपुर रेंज के डीआईजी विकास वैभव को सम्मानित किया गया.

भागलपुर: आईआईटी कानपुर हर साल देश के किसी न किसी ईमानदार पुलिस ऑफिसर को सत्येंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित करता है. इस वर्ष आईआईटी कानपुर ने इस अवार्ड के लिए भागलपुर पूर्वी प्रक्षेत्र के डीआईजी विकास वैभव का चयन किया था. 2 नवंबर 19 को आईआईटी कानपुर में बिहार कैडर के तेज तर्रार और ईमानदार आईपीएस विकास वैभव को सत्येंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवार्ड से नवाजा गया.

IPS विकास वैभव

'सम्मान मिलने से बेहतर कार्य करने की मिलती है प्रेरणा'
डीआईजी विकास वैभव ने कहा कि सम्मान मिलने से बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है. उन्होंने कहा कि शुरू से वह एक आईपीएस अधिकारी के रूप में देश की सेवा करना चाहते थे. 2003 में उन्हें अपना लक्ष्य प्राप्त हुआ. आईपीएस विकास वैभव ने आईआईटी कानपुर से 2001 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक की डिग्री हासिल की थी, इसलिए उन्हें और ज्यादा खुशी है कि जिस संस्थान से उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त की है, उन्हें उसी संस्थान की तरफ से सम्मानित किया गया है.

IPS विकास वैभव

'पीड़ितों की भीड़ जमा हो जाती है'
बता दें कि बतौर डीआईजी कार्य कर रहे विकास वैभव के कार्यालय में सैकड़ों फरियादी न्याय की उम्मीद लेकर रोज आते हैं. उनकी बातें सुनकर डीआईजी विकास वैभव उस पर अमल करते हुए, उन्हें त्वरित न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं. जिसकी वजह से उनकी छवि पूरे इलाके में एक बेहतरीन और ईमानदार आईपीएस के रूप में बनी है. कई बार विकास वैभव को पीड़ित की बात सुनकर पुलिस पदाधिकारी पर भी कार्रवाई करनी पड़ी है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते IPS अधिकारी विकास वैभव

'इतिहास से है काफी गहरा लगाव'
अपने मूल कर्तव्य को निर्वाहन करने के बाद डीआईजी विकास वैभव ऐतिहासिक तथ्यों पर भी काफी रिसर्च करते हैं. जहां लोग छुट्टियों पर देश विदेश घूमने जाते हैं. वहीं, आईपीएस विकास वैभव अपनी छुट्टियों को ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी को हासिल करने में लगा देते हैं. डीआईजी विकास वैभव को भारत और पूरे विश्व के इतिहास की काफी गहरी जानकारी है और यही उनका फील्ड ऑफ इंटरेस्ट है.

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सम्मान मिलने से मिलती है बेहतर कार्य करने की प्रेरणा ,सत्येंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवॉर्ड से सम्मानित होने पर बोले विकास वैभव

आईआईटी कानपुर हर वर्ष देश के किसी न किसी ईमानदार पुलिस ऑफिसर को सत्येंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित करता है इस वर्ष आईआईटी कानपुर ने सतेंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवार्ड के लिए भागलपुर पूर्वी प्रक्षेत्र के डीआईजी विकास वैभव का चयन किया था नवंबर माह की 2 तारीख को आईआईटी कानपुर में बिहार कैडर के तेज तर्रार और ईमानदार आईपीएस विकास वैभव को सत्येंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवार्ड से नवाज़ा गया है अवार्ड के लिए चयनित होने पर भागलपुर के डीआईजी विकास वैभव ने कहा सम्मान मिलने से बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलती है और शुरू से वह एक आईपीएस अधिकारी के रूप में देश की सेवा करना चाहते थे 2003 में उन्हें अपना लक्ष्य प्राप्त हुआ आईपीएस विकास वैभव आईआईटी कानपुर से ही 2001 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग से बीटेक की डिग्री हासिल की थी इसलिए उन्हें और ज्यादा खुशी है कि जिस संस्थान से उन्होंने अपनी शिक्षा प्राप्त की है उन्हें उसी संस्थान के द्वारा सम्मानित किया गया है ।


Body:बतौर डीआईजी भागलपुर के रूप में कार्य कर रहे विकास वैभव के कार्यालय में सैकड़ों फरियादी न्याय की उम्मीद लेकर रोज आते हैं और उनकी बातें सुनकर डीआईजी विकास वैभव उस पर अमल करते हुए उन्हें त्वरित न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं जिसकी वजह से उनकी छवि पूरे इलाके में एक बेहतरीन और इमानदार आईपीएस के रूप में फैल गई है कई बार विकास वैभव को पीड़ित की बात सुनकर पुलिस पदाधिकारी पर भी कार्यवाही करनी पड़ी है जिसे वह न्याय देने के लिए एक कदम मानते हैं इसी वजह से पूरे क्षेत्र में उनके यहां पीड़ितों की भीड़ इकट्ठे हो जाती है ।

इतिहास से है काफ़ी गहरा लगाव, इतिहास के तथ्यों पर करते हैं रिसर्च
अपने मूल कर्तव्य को निर्वाहन करने के बाद डीआईजी विकास वैभव ऐतिहासिक तथ्यों पर भी काफी रिसर्च करते हैं जहां लोग छुट्टियों पर देश विदेश घूमने जाते हैं वही आईपीएस विकास वैभव अपनी छुट्टियों को ऐतिहासिक तथ्यों की जानकारी को हासिल करने में लगा देते हैं । डीआईजी विकास वैभव को भारत एवं पूरे विश्व के इतिहास की काफी गहरी जानकारी है और यही उनका फील्ड ऑफ इंटरेस्ट है।


Conclusion:उनकी लोकप्रियता लोगों के बीच में इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि पीड़ित सीधे अपनी फरियाद लेकर डीआईजी विकास वैभव के पास पहुंच जाते हैं और डीआईजी साहब पीड़ितों की बात को ध्यान से सुन कर उस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित पदाधिकारी को निर्देशित कर देते हैं रोजमर्रा के तौर पर सैकड़ों की संख्या में फरियादी विकास वैभव के कार्यालय में अपनी फरियाद लेकर पहुंचते हैं विभाग में भी डीआईजी विकास वैभव जी त्वरित न्याय की कार्यशैली की वजह से हड़कंप मचा रहा था है पीड़ित के बयान को सुनने के बाद और उन्हें नहीं न्याय देने को लेकर कई बार डीआईजी विकास वैभव ने पुलिस विभाग के पदाधिकारी को भी निलंबित कर दिया है ।

बाइट विकास वैभव डीआईजी पूर्वी प्रक्षेत्र भागलपुर

नोट :अवार्ड से सम्मानित होने वाली तस्वीर व्हाट्सएप पर भेजी गई है
Last Updated :Nov 6, 2019, 9:54 AM IST

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