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भागलपुर में मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना से युवकों को रोजगार का मिला वरदान, जानिए कितने लोग हुए लाभान्वित

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Published : Sep 6, 2021, 10:17 AM IST

भागलपुर में मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना का लाभ लगभग 2 हजार युवकों को मिल चुका है. इस योजना के अंतर्गत जमीन में तालाब के लिए खुदाई से लेकर कई कार्य किए जा रहे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

मछली
मछली

भागलपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने हालिया संबोधन में 'एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण' का वादा किया था. पीएम मोदी का 'आत्मनिर्भर भारत अभियान', एक महत्वकांक्षी परियोजना है. जिसका उद्देश्य सिर्फ कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों से लड़ना नहीं, बल्कि भविष्य के भारत का पुनर्निर्माण करना है. कुछ ऐसा ही भागलपुर जिले में देखने को मिल रहा है. जहां मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के अंतर्गत कोविड के दौरान (Covid-19 In Bhagalpur) अब तक दो हजार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया गया है. जिसमें मछली पालन विभाग (Fisheries Department) का काफी अच्छा सहयोग देखने को मिला है.

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बता दें कि भागलपुर जिले में मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना (Chief Minister Fisheries Development Scheme) चलाई जा रही है. युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 6 से अधिक योजनाओं का क्रियान्यवयन किया जा रहा है. इस योजना के तहत कोविड काल में 2 हजार युवकों को रोजगार दिया गया है. यह योजना खासकर अति पिछड़ा जाति, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है.

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मछली पालन योजना के तहत पिछड़ी जाति के लोगों के जमीन पर तालाब के लिए खुदाई का कार्य कराया जा रहा है. बता दें कि एक हेक्टयर जमीन पर तालाब की खुदाई कराने के लिए प्रचलित राशि 7 लाख रुपये है. जिसका 90 फीसदी अनुदान राशि मत्स्य विभाग के माध्यम से दिया जाता है. इसी क्रम में जिले में तालाब की खुदाई का आधा कार्य पूरा होने पर अनुदान के 50 फीसदी राशि लाभुकों को दिया जा रहा है. अनुदान की शेष 25 फीसद राशि कार्य पूर्ण होने के बाद दी जा रही है.

देखें रिपोर्ट.


'कोविड-19 के दौरान लगभग 2,000 लोगों को रोजगार दिया गया. भागलपुर जिले में बिहार सरकार और केंद्र सरकार की बहुत सारी योजनाएं चलाई जा रही है. सभी योजना में काम लक्ष्य के अनुरूप हुआ है. इस योजना में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा भी लिया है और लाभ भी लिया है. यही वजह है कि मछली पालन से लोग रोजगार सृजन कर रहे हैं और आत्मनिर्भर भी बन रहे हैं.'-राजकुमार, जिला मत्स विभाग पदाधिकारी

उन्होंने बताया कि भागलपुर में प्रधानमंत्री संपदा योजना में बायोफ्लॉक तालाब (Biofloc Pond) का निर्माण करना है. जिसके लिए भागलपुर में 3 तालाब का निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है. इसे लेकर वर्क ऑर्डर दे दिया गया है और दो-तीन दिन में काम भी शुरू कर दिया जाएगा. इस योजना के तहत ही नये तालाब निर्माण होना है. साथ ही तालाब का निर्माण कार्य पूरा कर मछली पालन का कार्य शुरू कर दिया गया.

जिले में 29 लोगों को साइकिल सह आइस बॉक्स का वितरण करने का लक्ष्य रखा गया है. कुछ दिनों में सभी 29 लोगों को साइकिल सह आइस बॉक्स वितरण कर दिया जाएगा. इसके साथ ही साथ 7 लोगों को मोपेड आइस बॉक्स और 2 लोगों को थ्री व्हीलर देने का निर्णय लिया गया है. इसे लेकर आवेदन कार्यालय में आवेदन जमा कर लिया गया है.

भागलपुर जिले में संपदा योजना के तहत बायो फ्लॉक टैंक का भी निर्माण कराया जाना है. लेकिन इसे लेकर लक्ष्य निर्धारित नहीं किया गया है. जिले में कम से कम 10 से 15 लोगों को इस योजना का लाभ पहुंचाया जाना है. उन्होंने कहा कि वाहन योजना में अति पिछड़ी जाति के लिए आवेदन लिया जा रहा है. वहीं कोलकाता में 26 अक्टूबर को ट्रेनिंग होनी है. जिसके लिए किसानों से आवेदन लिया जा रहा है. इसके लिए 10 सितंबर अंतिम तारीख रखा गया है.

'विभाग द्वारा एक सबसे अच्छी योजना चलाई जा रही है. यह योजना एक रीक्रिएशन योजना है. इस योजना के तहत मछली पालन करते हुए टूरिस्ट स्थान विकास करना है. इसके लिए यदि किसान के पास एक हेक्टेयर जमीन सड़क किनारे है, तो उसके लिए विभाग द्वारा 50 लाख रुपये का प्रोजेक्ट है. इसमें महिला और अनुसूचित जनजाति के लिए 60% सामान्य जाति के लिए 40% अनुदान है.'-कृष्ण कन्हैया, जिला मत्स्य पदाधिकारी

रीक्रिएशन योजना के तहत किसान अपने 1 हेक्टेयर जमीन पर तालाब बनाकर चारों तरफ पेडेस्टल निर्माण करेगा. तलाब में वोटिंग सिस्टम होगा. इसके साथ ही साथ जगह-जगह मछली मारने के लिए बंसी लगी होगी. तालाब पर किसान का अपना निजी स्वामित्व होगा. इस पर किसी भी प्रकार का कोई दावा पेश नहीं कर सकता है.

पदाधिकारी ने कहा कि किसानों के बीच एक भ्रम है कि यदि कोई किसान जमीन देता है और अनुदान लेकर वह तालाब का निर्माण करता है, तो उस जमीन को सरकार या संस्था अधिग्रहण कर लेगी. यह बात गलत है, ऐसा कुछ भी नहीं होता है. उन्होंने कहा कि जब किसान अपने निजी जमीन पर तालाब बनाता है, तो उसका स्वामित्व हमेशा के लिए किसान का ही होगा. कोई भी संस्था उनके जमीन का अधिग्रहण नहीं कर सकती है.

मत्स्य विभाग के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं को लेकर जिले के लोग काफी उत्साहित हैं. बता दें कि आने वाले दिनों में भागलपुर जिला मछली के मामले में आत्मनिर्भर होगा. वहीं युवाओं को रोजगार मिलने के साथ-साथ अच्छी खासी कमाई भी हो जा रही है.

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