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संशय में NIOS से D.El.Ed करने वाले शिक्षक, अब कोर्ट जाने की कर रहे तैयारी

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Published : Sep 10, 2019, 7:04 PM IST

Updated : Sep 10, 2019, 11:36 PM IST

एनआईओएस शिक्षकों में भ्रम की स्थिति बरकरार है. अब NCTE के लेटर को लेकर शिक्षक कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. इनका दावा है कि संसद के दोनों सदनों से पास और एनआरसी के अप्रूवल के बाद ही एनआईओएस ने यह कोर्स कराया है, तो फिर नियोजन के समय यह असमंजस की स्थिति क्यों

एनआईओएस शिक्षकों में भ्रम की स्थिति बरकरार

पटना: बिहार में शिक्षकों के नियोजन के दौरान एनआईओएस से D.El.Ed करने वाले शिक्षक भ्रम की स्थिति में हैं. इस भ्रामक स्थिति के लिए वे बिहार के शिक्षा विभाग पर सीधा आरोप लगा रहे हैं, जो अब तक यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि इन शिक्षकों को सरकारी प्राथमिक शिक्षक बनने का मौका मिलेगा या नहीं.

D.El.Ed पास शिक्षकों की बैठक
पटना में एनआईओएस D.El.Ed पास शिक्षकों ने बैठक की. बैठक में इस कन्फ्यूशन के लिए शिक्षा विभाग पर नाराजगी जताई गई. शिक्षकों की मांग है कि बिहार सरकार को तत्काल एक प्रेस नोट जारी कर हालात को स्पष्ट करना चाहिए कि वे ऐसे शिक्षकों को बिहार शिक्षक नियोजन में भाग लेने की इजाजत देंगे या नहीं.

एनआईओएस शिक्षकों में भ्रम की स्थिति बरकरार
शिक्षा विभाग ने एनसीटीई से मांगा था जवाब
दरअसल बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने एनआईओएस के D.El.Ed की डिग्री को लेकर नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन यानि (NCTE) से मार्गदर्शन मांगा था. एनसीटीई से यह पूछा गया था कि क्या एनआईओएस से 18 महीने का डीएलएड करने वाले शिक्षकों को बिहार प्राथमिक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर दिया जाना चाहिए. इसपर एनसीटीई ने जवाब दिया कि यह कोर्स 18 महीने का था जबकि किसी भी नई बहाली प्रक्रिया में 24 महीने के डी एल एड कोर्स का नियम कड़ाई से लागू होना चाहिए.
बैठक करते NIOS शिक्षक

भ्रम की स्थिति में एनआईओएस शिक्षकों
अब इस पत्र के आने के बाद एनआईओएस शिक्षकों में भ्रम की स्थिति है. ऐसा इसीलिए है क्योंकि यही कोर्स करने वाले सरकारी शिक्षकों को प्रमोशन देने और आगे के नियोजन में भाग लेने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए सरकार ने अब तक कोई स्पष्ट नीति या सर्कुलर जारी नहीं किया है. अब एनसीटीई के लेटर को लेकर शिक्षक कोर्ट जाने की तैयारी में हैं. इनका दावा है कि संसद के दोनों सदनों से पास और एनआरसी के अप्रूवल के बाद ही एनआईओएस ने यह कोर्स कराया है, तो फिर नियोजन के समय यह असमंजस की स्थिति क्यों, अब यह भ्रम क्यों फैलाया जा रहा है?
Intro:बिहार में शिक्षकों के नियोजन के दौरान एनआईओएस से D.El.Ed करने वाले शिक्षक भ्रम की स्थिति में हैं। भ्रम की स्थिति के लिए वे सीधा आरोप बिहार के शिक्षा विभाग पर लगा रहे हैं जो अब तक यह स्पष्ट नहीं कर पाया है कि इन शिक्षकों को सरकारी प्राथमिक शिक्षक बनने का मौका मिलेगा या नहीं। आंदोलन कर रहे शिक्षकों से बात की पटना संवाददाता अमित वर्मा ने।


Body:ईटीवी भारत लगातार सबसे पहले इस खबर से जुड़ी हर बात आप तक पहुंचा रहा है। पटना में एनआईओएस D.El.Ed पास शिक्षकों ने बैठक की जिसमें भ्रम की स्थिति के लिए शिक्षा विभाग पर नाराजगी जताई गई। इन शिक्षकों ने मांग की है कि बिहार सरकार को तत्काल एक प्रेस नोट जारी करना चाहिए कि वे इन शिक्षकों को बिहार शिक्षक नियोजन में भाग लेने की इजाजत देंगे या नहीं।
दरअसल बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने एनआईओएस के डी एल एड की डिग्री को लेकर नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन एनसीटीई से मार्गदर्शन मांगा था और यह पूछा था कि क्या एनआईओएस से 18 माह का डीएलएड करने वाले शिक्षकों को बिहार प्राथमिक शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर दिया जाना चाहिए इसे लेकर एनसीटीई ने जवाब दिया कि यह कोर्स 18 महीने का था जबकि किसी भी नई बहाली प्रक्रिया में 24 महीने के डी एल एड कोर्स का नियम कड़ाई से लागू होना चाहिए।
अब इस पत्र के आने के बाद एनआईओएस शिक्षकों में भ्रम की स्थिति है क्योंकि इसी कोर्स को करने वाले सरकारी शिक्षकों को तो प्रमोशन देने और आगे के नियोजन में भाग लेने की अनुमति दी जा रही है लेकिन जो शिक्षक निजी स्कूलों से हैं और उन्होंने एनआईओएस से D.El.Ed किया है उनके लिए सरकार ने अब तक कोई स्पष्ट नीति या सर्कुलर जारी नहीं किया है। अब एनसीटीई के पत्र को लेकर यह शिक्षक कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। इनका दावा है कि संसद से पास और एनआरसी के अप्रूवल के बाद ही एनआईओएस ने यह कोर्स कराया है।
यह दावा ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में एनआईओएस के चेयरमैन सी बी शर्मा ने भी किया था। अब देखना है कि बिहार सरकार का शिक्षा विभाग इस बारे में क्या फैसला करता है क्योंकि जब तक शिक्षा विभाग की तरफ से कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं आता तब तक भ्रम की स्थिति बनी रहेगी।
ईटीवी भारत ने कई बार इस बारे में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। इधर शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा भी कई दिनों से पटना से बाहर हैं और उनके 12 सितंबर के बाद ही पटना लौटने की संभावना है।


Conclusion:क्रम से

रविशंकर पांडे शिक्षक कैमूर
पप्पू कुमार शिक्षक नालंदा
भव्या शिक्षिका जहानाबाद
प्रीति शिक्षिका पटना
Last Updated :Sep 10, 2019, 11:36 PM IST

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