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तेजस्वी पर मुकेश सहनी का तंज, 'इसी तरह विपक्ष में रहकर 10-20 सालों तक करते रहें ट्वीट'

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Published : Aug 29, 2021, 6:37 PM IST

मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) ने सरकार के खिलाफ लगातार हमलावर रहने वाले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर तंज कसते हुए कहा कि मैं तो चाहता हूं कि वो इसी तरह अगले 10-20 साल तक तक विपक्ष में रहकर ट्वीट करते रहें.

Mukesh Sahni
Mukesh Sahni

पटना: जिन आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) को वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) कभी बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे, अब वही सहनी चाहते हैं कि तेजस्वी अगले 20 बरस तक सत्ता में न आएं. इतना ही नहीं वे यह भी चाहते हैं कि नेता प्रतिपक्ष जिस तरह केवल ट्वीट कर सरकार की आलोचना करते हैं, बस वैसा ही करते रहें.

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दरअसल पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान पत्रकारों ने मंत्री मुकेश सहनी से भ्रष्टाचार और अफसरशाही को लेकर तेजस्वी यादव के ट्वीट पर प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने पहले तो मुस्कुरा दिया, फिर तंज भरे लहजे में कहा कि वो विपक्ष में हैं और विपक्ष का काम कर रहे हैं. मुझे लगता है कि वो जो काम कर रहे हैं, उन्हें करना चाहिए.

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साथ ही सहनी ने कहा कि विपक्ष का काम है विरोध करना और सरकार का जो काम है, वो हम लोगों को ईमानदारी से करना है. मैं तो उनको धन्यवाद दूंगा कि इसी तरह से अगले 10-20 साल तक विपक्ष में रहकर ट्वीट ही करते रहें.

"देखिये वो विपक्ष में हैं और विपक्ष का काम कर रहे हैं. मुझे लगता है कि वो जो काम कर रहे हैं, उन्हें करना चाहिए. सरकार का जो काम है, वो हम लोगों को ईमानदारी से करना है. मैं तो उनको धन्यवाद दूंगा कि इसी तरह से 10-20 साल तक विपक्ष में रहकर ट्वीट करते रहें"-मुकेश सहनी, मंत्री, बिहार सरकार

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आज असल में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार के विरोध में एक के बाद एक लगातार दो ट्वीट किया था. पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'एनडीए सरकार में सत्तारूढ़ दल व बेखौफ अफसरों के लिए भ्रष्टाचार बाएं हाथ का खेल बन गया है. दोनों मिलकर अवैध कमाई करते हैं और नागरिक घूस, सरकारी बेपरवाही, परेशानी व भ्रष्टाचार के दुष्चक्र में पिस कर रह जाते हैं. जनता भटक भटक कर रह जाती है पर सुनवाई, कार्रवाई का नामोनिशान नहीं होता'.

वहीं दूसरे ट्वीट में भी तेजस्वी ने सरकार पर निशाना साधा. लिखा, 'बिहार में अफसरशाही चरम पर है. अधिकारी सीना तान सरकारी काम में लापरवाही कर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को बढ़ावा देते है. जनप्रतिनिधियों को अपमानित करते हैं और नागरिकों को तो पांव के धूल बराबर नहीं समझते. पर सरकार व मंत्रियों को इससे क्या?उन्हें तो बंदरबांट में अपने हिस्से से मतलब है.'

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आपको याद दिलाएं कि कभी मुकेश सहनी महागठबंधन में हुआ करते थे. 2019 का लोकसभा चुनाव उन्होंने तेजस्वी के नेतृत्व में आरजेडी के साथ मिलकर ही लड़ा था. वे खुद खगड़िया लोकसभा सीट से उम्मीदवार थे, जबकि मधुबनी और मुजफ्फरपुर में भी उनकी पार्टी के प्रत्याशी खड़े हुए थे. हालांकि वीआईपी तीनों सीटों पर चुनाव हार गई.

वहीं 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर अंतिम समय में उनकी आरजेडी के साथ बात बिगड़ गई और महागठबंधन से अलग होकर वे बीजेपी के साथ चले गए गए. नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए की सरकार बनने पर सहनी को भी मंत्री बनाया गया है. उनके 4 विधायक हैं, हालांकि सहनी खुद सिमरी बख्तियारपुर सीट से चुनाव हार गए थे.

विधानसभा चुनाव के दौरान सहनी लगातार तेजस्वी पर हमलावर रहे और उनपर धोखा देने का आरोप लगाते रहे. सहनी का आरोप है कि तेजस्वी उन्हें धोखा में रखकर सीट बंटवारा करना चाहते थे. वहीं आरजेडी की ओर से कहा जाता है कि सहनी अति महत्वाकांक्षी हैं. डिप्टी सीएम का उम्मीदवार बनने के लिए वे दबाव बना रहे थे. बात नहीं बनी तो एनडीए के पास चले गए.

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