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धींगा गवर मेला संपन्न : अलग-अलग वेष धारण कर निकलीं महिलाएं, हीरे-जवाहरात से सजाई गईं गवर माता - Women in Dhinga Gavar Fest

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 28, 2024, 4:54 PM IST

Dhinga Gavar Mela, महिला शक्ति का प्रतीक धींगा गवर मेले का आयोजन जोधपुर में शनिवार को हुआ. इस दौरान रात भर करीब 200 महिलाएं अलग-अलग स्वांग लेकर उतरीं थीं, जिनको देखने जबरदस्त भीड़ उमड़ी. यह सिलसिला अलसुबह तक चलता रहा और रविवार को मेला संपन्न हो गया.

Dhinga Gavar Mela
Dhinga Gavar Mela

प्रतीक धींगा गवर मेले का आयोजन

जोधपुर.सूर्यनगरी में शनिवार रात को भीतरी शहर में जोरदार धूम रही. धींगा गवर के अंतिम दिन रात को महिलाएं अलग-अलग स्वांग और वेष धरकर निकलीं. कोई शिव-पार्वती बनी तो कोई काली मां, जबकि एक महिला फिल्मी किरदार के लुक में नजर आई. पूरी रात शहर में महिलाओं का सड़कों पर राज था. इस मेले में तय किया गया था कि बाहर से आने वाली महिलाओं को बेंत का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा, जिसको लेकर महिला ग्रुप के बीच तनातनी भी हुई. इसके अलावा मनचलों को रोकने के लिए स्थानीय युवाओं ने भी पैनी नजर रखी. मेले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, विधायक अतुल भंसाली और पूर्व महाराजा गज सिंह भी शामिल हुए और गवर माता का आशीर्वाद लिया.

करोड़ों के आभूषण पहनाए गवर माता को :आयोजनकर्ता कृपा राम सोनी के अनुसार भीतरी शहर की गलियों में कई जगह पर गवर माता बैठाई गईं, जिनको मोहल्ले वासियों ने हीरे जवाहरात और सोने के आभूषणों से सजाया. सबसे ज्यादा सोना सुनारों की घाटी में गवर माता को पहनाया गया, जिसे देखने पूरा शहर उमड़ पड़ा. इसी तरह से करीब 20 जगह पर गवर विराजित हुईं. केंद्रीय मंत्री ने भी कई जगह पर जाकर दर्शन किए. जगह-जगह पर गवर माता को करोड़ों के आभूषण से सजाया गया. पूरे मेले में सुरक्षा की दृष्टि से जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए. आयोजकों ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था भी तैनात की.

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मेकअप में लगता है पूरा दिन :मेले में स्वांग वही महिलाएं धरती हैं, जो 16 दिन व्रत करती हैं. इन्हें तीजणिया कहते हैं. स्वांग के लिए उनको पूरे दिन तैयारी करनी होती है. इस बीच चार बार गवर माता की कथा भी होती है. इसके बाद घंटों मेकअप के लिए बैठना पड़ता है. मेकअप के लिए सबसे फेमस जगह जालोरी गेट का स्टूडियो है. हरिओम सेन का परिवार चार पीढ़ियों से यह काम कर रहा है. इसके अलावा इस बार कई मेकअप आर्टिस्ट बाहर से बुलाए गए हैं. एक रूप बनाने के लिए खर्च भी बड़ा होता है. धार्मिक और पौराणिक और फिल्मी पात्रों के गेटअप पाने में मेकअप पर ही घंटों लग जाते हैं.

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