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कंधे पर सिस्टम! प्रसव पीड़िता को 6 किमी पैदल चलकर पहुंचाया अस्पताल, चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 19, 2024, 4:42 PM IST

Updated : Mar 19, 2024, 9:01 PM IST

Uttarkashi Kamra village Problem उत्तराखंड के कई गांव आज भी मूलभूत सविधाओं से महरूम है. जहां लोगों को आए दिन मीलों का सफर पैदल नापना पड़ता है.ग्रामीणों के सामने स्थिति तब विकट बन जाती है , जब गांव में कोई व्यक्ति बीमार पड़ जाता है. जिसे ग्रामीण डंडी कंडी के सहारे हॉस्पिटल तक पहुंचाते हैं.

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उत्तरकाशी: जनपद के सुदूरवर्ती सांखला कामरा गांव में सड़क और स्वास्थ्य सुविधा न होने से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सड़क व स्वास्थ्य सुविधा न होने से सबसे ज्यादा बीमार और गर्भवती महिलाओं को परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. बीते दिन कामरा गांव में एक महिला को डंडी कंडी के सहारे छह किलोमीटर दूर सड़क मार्ग तक पहुंचाया गया. ग्रामीणों का कहना है कि मार्ग को लेकर कई बार शासन-प्रशासन को लिखित व मौखिक रूप से अवगत कराया गया है, लेकिन कोई सुनने को राजी नहीं है. उन्होंने इस संबंध डीएम को ज्ञापन सौंपकर जल्द समस्या का निराकरण करने की मांग की है.

गौर हो कि कामरा गांव की एक महिला को बीते दिन प्रसव पीड़ा होने लगी. जिसके बाद ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई डंडी की मदद से महिला को गढ़सार तक पहुंचाया. जहां से 108 सेवा के जरिए गर्भवती को सीएचसी नौगांव पहुंचाया गया. वहीं एक हफ्ते पहले भी चोटिल होने पर एक महिला को पीठ पर बैठाकर सड़क मार्ग तक पहुंचाया गया. ग्रामीणों को कहना है कि कई मरीज रास्ते में दम तोड़ देते हैं. लेकिन सड़क न होने से बीमार व गर्भवती महिलाओं को लाने में भारी दिक्कतें होती हैं. कामरा गांव निवासी सुरेश कुमार ने कहा कि 12 मार्च को कामरा गांव की एक युवती छानियों में गई थी.

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वहां गिरने से वह चोटिल हुई और उसके सिर पर गंभीर चोटें आईं. ग्रामीणों और स्वजन ने उसे किसी तरह सड़क मार्ग तक पहुंचाया. जिसके बाद वाहन के जरिए अस्पताल लेकर गए. ऐसी घटनाएं कई बार हो चुकी है.ग्रामीणों ने इस संबंध में डीएम को ज्ञापन भी सौंपा. ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शासन प्रशासन से सड़क की मांग कर चुके हैं, लेकिन आज तक मांगों पर गौर नहीं हुआ है. कहा कि यदि उनके गांव में सड़क सुविधा होती तो बीमार व्यक्तियों को अस्पताल ले जाने में सुविधा मिलती. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों का निस्तारण नहीं किया गया तो वो रणनीति बनाकर लोकसभा चुनाव बहिष्कार करने को मजबूर होंगे.

Last Updated : Mar 19, 2024, 9:01 PM IST

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