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UP Budget 2024 : यूपीपीसीएल को मिले दो हजार करोड़ रुपये, निजी नलकूप उपभोक्ताओं को मिलेगी रियायती बिजली

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 5, 2024, 2:13 PM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने बजट (UP Budget 2024) में यूपीपीसीएल के लिए भी खजाना खोला है. बजट में प्रावधान के मुताबिक दो हजार करोड़ रुपये यूपीपीएल को मिले हैं. इसके अलावा 1800 करोड़ रुपये का प्रावधान निजी नलकूपधारकों को रियायती बिजली देने के लिए किया गया है.

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने 2024 के बजट में ऊर्जा विभाग को संजीवनी प्रदान की है. गर्मियों में निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए ऊर्जा विभाग को 2000 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं. पारेषण तंत्र की क्षमता बढ़ाने को लेकर भी टारगेट सेट किया गया है. साढ़े 31 हजार मेगावाट क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. सरकार ने ऊर्जा के साथ ही अतिरिक्त ऊर्जा पर भी विशेष तौर पर ध्यान दिया है. सरकार ने अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत के लिए भी कई लक्ष्य तय किए गए हैं और बजट भी अलॉट किया है. बुंदेलखंड क्षेत्र में 4000 मेगावाट का सोलर पार्क विकसित किया जाएगा. नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए 1800 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

पारेषण तंत्र की कुल क्षमता जो वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाॅट थी, को वर्ष 2022-2023 में बढ़ाकर 28,900 मेगावाॅट तक किया गया है. जिसे वित्तीय वर्ष 2023-2024 तक बढ़ाकर 31 हजार 500 मेगावाट तक किया जाना लक्षित है. गर्मी में विद्युत आपूर्ति के लिए 2000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत अधिक है. निजी नलकूप उपभोक्ताओं को रियायती बिजली आपूर्ति के लिए 1800 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है.

भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी कारिडोर-2 परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के बुन्देलखंड क्षेत्र में सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए 4000 मेगावाॅट क्षमता के सोलर पार्क का विकास किया जाना नियोजित है. उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 के अन्तर्गत आगामी पांच वर्ष में 22 हजार मेगावाॅट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. प्रदेश में वर्ष 2017 में 288 मेगावाॅट की सौर ऊर्जा परियोजनाएं थीं जो अब लगभग 2600 मेगावाॅट है. प्रदेश में अब तक 328 मेगावाॅट की सोलर रूफटाॅप परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं. अयोध्या और वाराणसी शहर को माॅडल सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है. पीएम कुसुम घटक सी-1 के अन्तर्गत निजी ऑनग्रिड पंपों के सोलराईजेशन के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में दोगुना है. उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति, 2022 के क्रियान्वयन के लिए 60 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है जो वर्तमान वर्ष की तुलना में 33 फीसद ज्यादा है.

ऊर्जा विभाग और अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत के लिए बजट में सरकार की तरफ से जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं और जितना बजट का प्रावधान किया गया है उससे आने वाले दिनों में प्रदेशवासियों को बिजली की समस्या से काफी हद तक निजात मिलने की संभावना है. साथ ही अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत से सोलर पैनल लगाए जाने का काम तेज किया जाएगा. जिससे सौर ऊर्जा उत्पादित होगी और इससे बिजली के लिए गर्मियों में मचने वाली त्राहि त्राहि से भी काफी हद तक मुक्ति मिलेगी.

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