गया: विश्व प्रसिद्ध गयाजी तीर्थ में मंगलवार को अद्भूत नज़ारा देखने को मिला, पवित्र फल्गु नदी के देवघाट पर ताइवान के नागरिकों ने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान किया. सनातन धर्म के अनुसार गयाजी को मोक्षभूमि कहा गया है. मान्यता है कि यहां पिंडदान और धार्मिक अनुष्ठान करने से पुरखों की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ती होती है. फल्गु नदी को मोक्षदायिनी कहा जाता है. मान्यता है कि यहां भगवान श्रीराम भी माता सीता संग राजा दशरथ का पिंडदान किए थे.
7 ताइवानियों ने किया पिंडदानः मंगलवार को 7 ताइवानियों ने फल्गु नदी के तट पर स्थित देवघाट पर पिंडदान और तर्पण किया. इस मौके पर साथ आये टूरिस्ट गाइड गंगाधर ने बताया कि ये लोग बुद्धिस्ट हैं जो बोधगया, राजगीर, नालंदा सहित अन्य बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों का परिभ्रमण करने भारत आए हुए हैं. इन्हें गयाजी के बारे में जानकारी मिली तो यहां अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्धकर्म कर्मकांड करने पहुचे हैं.
गयाजी से प्रेरित हुए ताइवानीः बाल गंगाधर ने बताया कि साल 2023 में उनसे मुलाकात हुई थी. ये लोग मुख्यतः बौद्ध धर्म स्थल घूमने आए थे. जब हमने गयाजी में पिंडदान के बारे में बताया तो उन्होंने यहां पिंडदान किया. उन्हें यहां से जाकर बहुत अच्छा लगा. इसके बाद इस वर्ष अपने साथ 7 लोगों को लेकर गयाजी आए हैं. पिंडदान कर कांड कर रहे हैं. गाइड के अनुसार पिंडदान करने के बाद ये लोग बनारस जाएंगे और गंगा स्नान और गंगा आरती में शामिल होने के ताइवान लौट जाएंगे.
"2023 में ताइनवान की टू मेई फेंग से मुलाकात हुई थी. भारत घूमने के लिए आए थे. मैने पिंडदान के बारे में बताया तो इन्होंने भी पिंडदान किया. यहां से जाकर उन्हें काफी अच्छा लगा तो इस बार सात लोगों के साथ पूर्वजों का पिंडदान करने आए हैं. यहां से बनारस में गंगा आरती में शामिल होंगे. इसके बाद अपने देश चले जाएंगे."-बाल गंगाधर, टूरिस्ट गाइड