सिंगरौली।जिले में NCL खदान के आसपास मौजूद करीब 400 आदिवासी बैगा समाज के लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. इस क्षेत्र के आदिवासी बैगा समाज के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए पिछले कई सालों से जूझ रहे हैं और इनकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं है. कोयले की काली राख और प्रदूषण के दंश से जहां लोग परेशान हैं.
NCL खदान के पास रहते हैं बैगा
सिंगरौली जिले में देश की नवरत्न कंपनी में से एक NCL पिछले कई सालों से इस क्षेत्र की पहाड़ियों से कोल खनन कर रही है. इससे NCL के साथ-साथ सरकार को भी अच्छी आमदनी हो रही है, लेकिन इस क्षेत्र के आदिवासी बैगा समाज के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए पिछले कई सालों से तरस रहे हैं. बैगा समाज के 400 लोग दूधिचुआ NCL खदान के आसपास रहते हैं.
एक हैंडपंप भी नहीं लग सका
जयंत गोलाई बस्ती के सैकड़ों आदिवासी पिछले कई सालों से बलिया नाला के गंदे पानी से अपनी प्यास बुझाते आ रहे हैं. शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से हैंडपंप के लिए कई बार गुहार लगाने के बावजूद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई. लिहाजा सैकड़ों रहवासी इस गंदे पानी को पीकर मजबूरी में अपनी जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. इलाके के रहवासी कई बीमारियों की चपेट में हैं.