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प्रधानमंत्री की गारंटी और सांसद के वादों की सच्चाई, 10 साल पहले गोद लिया था गांव, आज तक नहीं बन पाई सड़क

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 11, 2024, 12:26 PM IST

Road in MP Sunil Singh adopted village. प्रधानमंत्री के सांसद ही उनके निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं. इसका उदाहरण लातेहार जिले में सांसद द्वारा गोद लिये गये गांव की स्थिति है. पीएम का सांसदों को निर्देश था कि गांव को गोद लेकर इसका विकास किया जाए, लेकिन 10 साल बाद भी इस गांव में सड़क नहीं बन पाई है.

Road in MP Sunil Soren adopted village
Road in MP Sunil Soren adopted village

सांसद के गोद लिए गए गांव का हाल

लातेहार: एक ओर दावा किया जाता है कि देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विकास की गारंटी पर विश्वास करती है. वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री की ही नुमाइंदगी करने वाले कुछ सांसद जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं. प्रधानमंत्री के निर्देश पर सांसद द्वारा गोद लिया गया गांव ही विकास को तरस रहा है. इसका उदाहरण लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड का चीरूखांड़ टोला है. इस गांव तक आज तक एक सड़क भी नहीं पहुंची है.

10 साल से लोग कर रहे सड़क का इंतजार

दरअसल, प्रधानमंत्री के निर्देश पर लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड अंतर्गत चटुआग गांव को चतरा संसदीय क्षेत्र के सांसद सुनील सिंह ने गोद लिया था. सांसद ने चटुआग गांव के चीरूखांड़ टोले में पहुंचकर झंडोत्तोलन किया था और पूरे गांव और खासकर चीरूखांड़ टोले को आदर्श गांव बनाने का वादा भी किया था. लेकिन गांव को गोद लिये जाने के 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी चीरूखांड़ टोला तक पहुंचने के लिए एक सड़क नहीं बन पायी है. स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक, सांसद यहां आये थे और झंडा फहराने के बाद उन्होंने ग्रामीणों से वादा भी किया था कि जल्द ही गांव को जोड़ने के लिए सड़क बनायी जायेगी. लेकिन आज तक सड़क नहीं बनी है.

ग्रामीणों को करना पड़ता है परेशानियों का सामना

ग्रामीण महिला एतवरिया देवी ने बताया कि सांसद ने गांव को गोद लिया है. लेकिन कोई विकास नहीं हुआ. गांव में सिर्फ पानी की व्यवस्था है. सड़क के अभाव में ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गांव के राजकुमार ने बताया कि सांसद ने गांव का विकास करने और एक बार फिर यहां आकर झंडा फहराने का वादा किया था, लेकिन न तो उनका वादा पूरा हुआ और न ही वे दोबारा गांव आये. ग्रामीण प्रदीप बताते हैं कि जब सांसद गांव में आकर गांव के विकास के वादे कर रहे थे, उस समय वे बहुत छोटे थे. लेकिन 10 साल बाद भी गांव में सड़क नहीं बन पाई है.

हुए हैं विकास कार्य-सांसद प्रतिनिधि

इस संबंध में सांसद प्रतिनिधि महेंद्र साहू ने कहा कि सांसद द्वारा गोद लिये गये गांव में कई विकास कार्य किये गये हैं. उन्होंने कहा कि सभी टोलों में पानी और बिजली की व्यवस्था कर दी गयी है. चीरूखांड़ तक पहुंचने के लिए सिर्फ सड़क नहीं बन पाई है. उन्होंने कहा कि सांसद सुनील सिंह द्वारा गांव के विकास के लिए 67 योजनाओं को मंजूरी दी गयी है. इनमें से अधिकतर योजनाएं धरातल पर उतर चुकी हैं.

आदिवासी बहुल है चीरूखांड़

चीरूखांड़ टोला आदिवासी बहुल इलाका है. यह गांव चंदवा प्रखंड मुख्यालय से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां तक पहुंचने के लिए सड़क का अभाव है. यहां एक कच्ची सड़क है जिस पर चलकर लोग गांव तक पहुंचते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के दिनों में गांव से बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है.

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