लातेहार: कहते हैं कि अगर लोग मन में ठान लें और पूरे दिल से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ें तो कोई भी मंजिल असंभव नहीं होती. लातेहार जिले के पतकी गांव के ग्रामीणों ने इस कथन को पूरी तरह से चरितार्थ किया है. पतकी गांव कभी सड़क पर लूटपाट और डकैती के लिए बदनाम था, लेकिन आज इस गांव से अपराध का नामोनिशान तक नहीं है. यह बदलाव यहां के ग्रामीणों के सार्थक प्रयास से ही संभव हो सका है.
गांव के आसपास है घना जंगल
दरअसल, पतकी गांव लातेहार जिला मुख्यालय से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर रांची-डाल्टनगंज मुख्य मार्ग के दाहिने किनारे पर स्थित है. पतकी गांव के आसपास घना जंगल है. कुछ साल पहले तक, पतकी और इसके आसपास के इलाके सड़क लूट और डकैती के लिए कुख्यात थे. स्थिति ऐसी थी कि रात के अंधेरे की बात तो दूर, दिन के उजाले में भी जब लोग सड़क से गुजरते थे तो पतकी के पास पहुंचते ही उनकी रूह कांप उठती थी.
रांची-डाल्टनगंज मुख्य मार्ग से यात्रा करने वाले लोग पतकी क्षेत्र पार करने के बाद राहत की सांस लेते थे. इस क्षेत्र में सड़क लुटेरे और डकैत गिरोह बनाकर बाहर से आते थे और डकैती डालते थे. लुटेरे इस गांव में रहने वाले ग्रामीणों से भी लूटपाट करते थे. इस इलाके में लुटेरों के अलावा नक्सलियों का भी दबदबा था. जिसके कारण शाम छह बजे के बाद इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो आ जाता था. शाम के बाद रांची-डाल्टनगंज मुख्य मार्ग पर गाड़ियां कम ही चलती थीं.
ग्रामीणों और प्रशासनिक मदद से बदली गांव की पहचान
वर्षों से बदनामी और डर के साये में जी रहे पतकी गांव के ग्रामीण भी अपने गांव से इस बदनामी को मिटाना चाहते थे. इधर प्रशासनिक अधिकारी भी इस इलाके को लुटेरों और नक्सलियों के चंगुल से मुक्त कराना चाहते थे. इसके लिए पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों से बात की. पुलिस अधिकारियों के प्रोत्साहन के बाद, ग्रामीणों ने एक ग्राम सुरक्षा दल का गठन किया और लुटेरों से सड़क की रक्षा करना शुरू कर दिया.
पुलिस ने की पिकेट की स्थापना
इस बीच पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से इस क्षेत्र को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने के लिए पतकी जंगल में पुलिस पिकेट की स्थापना की. पुलिस पिकेट के गठन के बाद ग्रामीणों का मनोबल बढ़ा और ग्रामीण अपने गांव पर लगे बदनामी के दाग को धोने के लिए पूरी ताकत से आगे बढ़े. धीरे-धीरे पुलिस प्रशासन और ग्रामीणों की सक्रियता के कारण अपराधियों को यह इलाका छोड़कर भागना पड़ा.
स्थानीय ग्रामीण गणेश सिंह और तुलसी सिंह ने बताया कि पहले इस गांव के आसपास लुटेरों का अड्डा हुआ करता था. लुटेरे बाहर से आकर सड़क डकैती करते थे. जिससे पूरे गांव की बदनामी होती थी, लेकिन जब से ग्रामीणों ने एकजुटता दिखाई और पुलिस की मदद से अपराधियों के खिलाफ मुखर हुए, गांव से अपराध पूरी तरह खत्म हो गया. ग्रामीण अब खेती करके आरामदायक जीवन जी रहे हैं.
जगने लगी शिक्षा की अलख भी
पतकी गांव के लोग अब शिक्षा के प्रति भी जागरूक हो गये हैं. प्रत्येक ग्रामीण अपने बच्चों को शिक्षित कर रहा है. विद्यालय के शिक्षक सुरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि पहले इस गांव का माहौल ठीक नहीं था. लेकिन अब यहां के लोग आरामदायक जिंदगी जी रहे हैं. लोग अब शिक्षा के प्रति जागरूक हो गए हैं और अपने बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं.
एसपी ने भी की ग्रामीणों की सराहना
इधर, लातेहार एसपी अंजनी अंजन भी ग्रामीणों की तारीफ करते हैं. एसपी ने कहा कि ग्रामीणों का कार्य काफी सराहनीय रहा है. उन्होंने कहा कि सड़क लूट और डकैती जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस विभाग भी पूरी तरह तत्पर है. पुलिस और ग्रामीणों की तत्परता से पतकी गांव की पहचान अब बदल गयी है. इस गांव में रहने वाले लोग अब पूरी तरह से शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं.
यह भी पढ़ें: सड़क के अभाव में जी रहे चिहुंटिया के लोग, कहा- जन प्रतिनिधि चुनने का क्या फायदा जब हमारी समस्या का हल ही न निकले?
यह भी पढ़ें: लातेहार के इन गांवों में आज भी जीवित है ये पुरानी परंपरा, खुशहाली से जी रहे हैं लोग
यह भी पढ़ें: बीमार लोगों का टोला, जहां की 80 फीसदी आबादी गंभीर बीमारी से है पीड़ित, जानिए क्या है कारण