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राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने 339 अभ्यर्थियों को किया डिबार, अब नहीं दे सकेंगे प्रतियोगिता परीक्षा

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 24, 2024, 10:26 PM IST

Rajasthan Staff Selection Board rejected 339 candidates, राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित साधनों का उपयोग करने वाले 339 अभ्यर्थियों को डिबार किया है. इनमें से आगामी तीन वर्षों तक तो कुछ आजीवन भर्ती परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेंगे.

Rajasthan Staff Selection Board
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जयपुर.राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अनुचित साधनों का उपयोग करने वाले 339 अभ्यर्थियों को डिबार किया गया है. इनमें कुछ आगामी तीन वर्षों तक तो कुछ आजीवन भर्ती परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेंगे. दरअसल, चयन बोर्ड की ओर से बीते वर्षों में आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जी अभ्यर्थी बैठने, परीक्षाओं में अनुचित साधनों को उपयोग करने, दस्तावेज सत्यापन में फर्जी मार्कशीट और सर्टिफिकेट पेश करने वाले 339 अभ्यर्थियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए आगामी परीक्षाओं से डिबार किया है.

बोर्ड ने अनुचित साधनों की रोकथाम विनियम 2016 के तहत ये कार्रवाई की है. इसे लेकर कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बताया कि बोर्ड को मिल रही शिकायतों की गहनता से जांच में 339 अभ्यर्थी दोषी पाए गए. इनमें कुछ एग्जाम के दौरान चीटिंग करते हुए तो कुछ दस्तावेज सत्यापन के दौरान फर्जी सर्टिफिकेट या फर्जी यूनिवर्सिटी की मार्कशीट पेश करने के दोषी पाए गए. इनमें सबसे ज्यादा पीटीआई 2018 भर्ती के अभ्यर्थी हैं.

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उन्होंने बताया कि डिबार किए गए अभ्यर्थियों की सूची आरपीएससी को भी भेजी जा रही है, ताकि वो भी ऐसे अभ्यर्थियों को किसी भी परीक्षा में सम्मिलित न होने दें. उन्होंने अभ्यर्थियों को भी सतर्क रहने की हिदायत देते हुए कहा कि ऐसे किसी दलालों के भ्रामक प्रचार के बहकावे में न आएं. नकल के प्रयास में पकड़े जाने पर उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के साथ-साथ परीक्षा निरस्त करने और आगामी किसी भी भर्ती परीक्षा में बैठने के लिए अयोग्य करार दिया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि डिबार किया हुआ अभ्यर्थी यदि किसी भी परीक्षा में बैठ भी गया तो उसे दस्तावेज सत्यापन में रोक दिया जाएगा और अगर दस्तावेज सत्यापन में भी निकल गया तो उसे नियुक्ति के समय रोक दिया जाएगा. यानी ऐसे अभ्यर्थियों का पता जिस भी स्टेज पर चलेगा, उसे वही रोक दिया जाएगा.

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आपको बता दें कि राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा संशोधन अधिनियम 2022 और 2023 के तहत आर्थिक दंड के 10 लाख रुपए से लेकर 10 करोड़ रुपए के साथ-साथ 10 साल से आजीवन कारावास तक की अवधि के लिए सजा का भी प्रावधान है. राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया पर फैलाए जाने वाले भ्रामक प्रचार की सूचना बोर्ड को दें और बोर्ड की ऑफिशल साइट पर उपलब्ध सूचनाओं को ही तथ्यात्मक माना जाए.

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