लातेहार: चतरा संसदीय क्षेत्र झारखंड के 14 लोकसभा क्षेत्र में एक है. झारखंड राज्य निर्माण से पूर्व तक यह संसदीय क्षेत्र लातेहार, चतरा से लेकर बिहार के गया तक फैला हुआ था. सामान्य सीट होने के कारण यहां हर चुनाव में प्रत्याशियों की लंबी लिस्ट रहती है. इस बार के लोकसभा चुनाव में भी स्थिति बिल्कुल वैसी ही है. सभी दल चतरा लोकसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी उतारने को आतुर हैं. परंतु सबसे अधिक चर्चा भाजपा और इंडिया गठबंधन की ओर से प्रत्याशी चयन पर हो रही है. NDA गठबंधन की ओर से जदयू के द्वारा भले ही चतरा लोकसभा की सीट की मांग की जा रही है, परंतु यह तय है कि यहां से भाजपा ही चुनाव लड़ेगी. परंतु प्रत्याशी का चयन करना भाजपा के लिए भी आसान नहीं है. भाजपा के पास भी चतरा लोकसभा सीट पर दावेदारी करने वाले प्रत्याशियों की काफी लंबी लिस्ट है.
सांसद से लेकर विधायक तक लड़ना चाहते हैं चुनाव
भाजपा की ओर से लोकसभा चुनाव में चतरा संसदीय क्षेत्र से सांसद सुनील कुमार सिंह अपनी दावेदारी पहले ही पेश कर चुके हैं. इसके अलावा पांकी विधानसभा क्षेत्र के विधायक शशि भूषण मेहता, भवनाथपुर विधायक भानु प्रताप शाही, पूर्व विधायक गिरीनाथ सिंह, पूर्व विधायक मनोज यादव, भाजपा के वरिष्ठ नेता योगेंद्र प्रसाद सिंह, किसलय तिवारी, राजधानी यादव, डॉ अभिषेक रामधिन की चर्चा आम है. इसके अलावा एक अन्य महिला विधायक का भी नाम जोर-जोर से चल रहा है.
वर्तमान सांसद सुनील कुमार सिंह का लोग विरोध भी कर रहे हैं. उन पर क्षेत्र से गायब रहने का आरोप लगाया जा रहा है. सांसद के इस कमजोरी को देखते हुए अन्य प्रत्याशियों को पूरी उम्मीद है कि इस बार चतरा लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के द्वारा प्रत्याशी बदला जाएगा. परंतु सांसद सुनील सिंह के समर्थकों को पूरा विश्वास है कि इस बार भी भाजपा उन्हें ही टिकट देगी. क्योंकि पिछले बार भी चुनाव के दौरान इसी प्रकार की स्थिति बनी हुई थी. परंतु अंत में सुनील सिंह को ही टिकट मिली थी. इधर भाजपा जिला अध्यक्ष पंकज कुमार सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व चतरा संसदीय क्षेत्र से जिन्हें भाजपा का प्रत्याशी घोषित करेगी उसे सभी कार्यकर्ता तन मन से सहयोग करेंगे. उन्होंने दावा किया कि चतरा संसदीय क्षेत्र से भाजपा की जीत तय है.
INDIA गठबंधन में होता है तकरार
चतरा लोकसभा क्षेत्र एक ऐसा लॉलीपॉप है. जिसके लिए इंडिया गठबंधन में तकरार होने की संभावना उत्पन्न हो गई है. इस सीट पर कांग्रेस और राजद दोनों अपना-अपना दावा कर रहे हैं. पिछली बार भी लोकसभा चुनाव के दौरान यूपीए का गठबंधन चतरा संसदीय क्षेत्र में बिखर गया था और राजद और कांग्रेस ने यहां दोस्ताना संघर्ष किया था. हालांकि इस वर्ष इंडिया गठबंधन के लोग यह चाह रहे हैं कि भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ कोई एक ही प्रत्याशी उतारा जाए. इसके लिए लगातार मीटिंग भी हो रही है. परंतु मिलाजुला कर बात वहीं आ जा रहा है कि राजद इसी पर अपना दावा करते हुए कांग्रेस को चतरा सीट छोड़ने की बात कह रही है.
राष्ट्रीय जनता दल के जिला अध्यक्ष रामप्रवेश यादव ने कहा कि इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल का दावा मजबूत है. इसलिए गठबंधन धर्म के तहत कांग्रेस इसे राजद को दे दे. राजद प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित होगी. हालांकि जब उनसे प्रत्याशी के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राजद में प्रत्याशियों की लंबी लिस्ट है. सीट शेयरिंग के बाद प्रत्याशी का नाम घोषित कर दिया जाएगा.
उधर कांग्रेस का दावा है कि पिछली बार चुनाव में कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी और यह लोकसभा सीट पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ रहा है. इसलिए कांग्रेस ही यहां से चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुनेश्वर उरांव ने कहा कि कांग्रेस का दावा मजबूत है और कांग्रेस इस बार चतरा लोकसभा सीट से चुनाव निश्चित रूप से जीतेगी.
राजद और कांग्रेस के इन प्रत्याशियों पर है नजर