मोतिहारी: बिहार को मोतिहार कोर्ट ने चरस तस्करी के मामले में दो महिला अभियुक्तों को दस-दस वर्षों की सश्रम कारावासकी सजा सुनाई है. नार्कोटिक्स एक्ट के विशेष न्यायाधीश सह चौदहवीं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी ने चरस तस्करी मामले में नामजद दोनों महिला अभियुक्तों को दोषी पाते हुए दोनों को दस वर्षों के सश्रम करावास के अलावा प्रत्येक को एक-एक लाख रुपया अर्थ दंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड नहीं देने पर नामजद को एक वर्ष अतिरिक्त सजा काटनी होगी.
मोतिहारी कोर्ट ने सुनाई सजा:मोतिहारी कोर्ट ने नेपाल के सहतरी थाना के मनरखती निवासी और नेपाल के ही बीरगंज निवासी को सजा सुनाई है. न्यायालय द्वारा आरोप गठित कर मामले की सुनवाई की गई.अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक निर्मल कुमार ने दस गवाहों को प्रस्तुत कर अभियोजन का पक्ष रखा. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया. बता दें कि एसएसबी ने दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पटना के निर्देश पर कंट्रोल ब्यूरो के एसके सिंह ने एनडीपीएस एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.
तालाशी में महिला को पास 7.8 ग्राम चरस बरामद:बता दें कि 26 फरवरी 2018 को पनटोका के पास 47वीं एसएसबी जवानों ने रक्सौल के पनटोका के पास गुप्त सूचना पर संदेहास्पद स्थिति में दो महिला को रोककर उनकी तलाशी ली. तलाशी के दौरान दोनों महिलाओं के पास के पास से 7.8 किलो चरस बरामद किया. एसएसबी ने दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पटना के निर्देश पर कंट्रोल ब्यूरो के एसके सिंह ने एनडीपीएस एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.