पटना:पीएफ अर्थातप्रोविडेंट फंड एक निवेश है, जिसके जरिए कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद आर्थिक संबल प्राप्त करते हैं. पीएफ योजनाओं के तहत कर्मचारी अपने वेतन का हर महीने एक छोटी राशि पीएफ के तौर पर जमा करता है. रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी पूरी राशि को निकाल सकते हैं. अथवा इस पेंशन के रूप में भी प्रति माह ले सकते हैं. विभिन्न पीएफ स्कीम में 7 फीसदी से अधिक ब्याज दर मिलता है. सामान्य तौर पर कर्मचारियों का ईपीएफ अर्थात कर्मचारी भविष्य निधि अकाउंट होता है. इस योजना के तहत किसी भी संगठन या कॉरपोरेशन के कम से कम 20 कर्मचारियों को ईपीएफओ के तहत रजिस्टर्ड करना होता है.
सैलरी का 12% पीएफ में जमा: ईपीएफओ के नियमों के अनुसार रजिस्टर्ड कर्मचारी को अपने बेसिक सैलरी का 12% पीएफ खाते में देना होता है. पीएफ अकाउंट उसी का खुलता है, जिसकी न्यूनतम मासिक सैलरी ₹15000 हो. इसमें कंपनी अथवा संगठन और कॉरपोरेशन को भी कर्मचारी के पीएफ खाते में उसके सैलरी का 12% जमा करना होता है. इस 12% में 8.33% कर्मचारी पेंशन योजना अर्थात ईपीएस में जाता है. इसके बाद बाकी बचा 3.67% ईपीएफ निवेश में जाता है. भारत सरकार की ओर से इस वर्ष ऐप का ब्याज दर 8.25% देय है.
कैसे चेक करें पीएफ बैलेंस?:आपके पीएफ खाते में कितना पैसा जमा है, इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 9966044425 पर कॉल करेंगे. एक रिंग पर फोन डिस्कनेक्ट हो जाएगा. इसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आपकी पीएफ बैलेंस का मैसेज उपलब्ध हो जाएगा. इसके लिए किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लगता है. इसके अलावा ईपीएफओ पोर्टल का उपयोग करके भी आप अपना पीएफ बैलेंस चेक कर सकते हैं. पोर्टल पर जाकर अपना यूएएन नंबर और पासवर्ड डालना होगा. इसके बाद आपका पूरा पीएफ विवरण स्क्रीन पर दिख जाएगा. जिसमें आप देख पाएंगे कि ईपीएस में कितना राशि जमा है और ईपीएस में कितना राशि जमा हुआ है.