शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक मात्र सीट के लिए होने वाले मतदान में केवल एक दिन बचा है. प्रदेश में राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए 27 फरवरी को वोटिंग होगी. ऐसे में चुनाव की तारीख अब काफी नजदीक आ गई है. जिससे प्रदेश में दोनों ही बड़े राजनीतिक दलों में हलचल तेज हो गई है. हिमाचल में कांग्रेस की ओर से राज्यसभा सीट के लिए उम्मीदवार बनाए गए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी शिमला पहुंच गए हैं.
शिमला में कांग्रेस विधायकों के लिए डिनर
वहीं, शिमला स्थित सेसिल होटल में सोमवार को कांग्रेस के सभी विधायकों के लिए डिनर रखा गया है. जिसमें 3 निर्दलीय विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है. राज्यसभा के लिए होने वाली वोटिंग से पहले विधायकों के लिए रखे गए डिनर में मतदान को लेकर चर्चा होगी. वहीं, भाजपा ने राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए जरूरी वोटों की संख्या न होने पर भी हर्ष महाजन को चुनावी रण में उतारा है. हर्ष महाजन कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं. ऐसे में राज्यसभा चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है.
प्रदेश में किसी पार्टी के पास कितने विधायक?
हिमाचल प्रदेश में बहुमत का पर्याप्त आंकड़ा होने से कांग्रेस की सरकार सत्ता पर काबिज है. कांग्रेस के पास 40 विधायक है. वहीं, भाजपा के पास 25 विधायक हैं. हिमाचल विधानसभा में निर्दलीय विधायकों की कुल संख्या 3 है. ऐसे में विधायकों की जरूरी संख्या न होने पर भी भाजपा ने राज्यसभा के लिए उम्मीदवार उतार कर चुनाव को रोचक बना दिया है.
कांग्रेस संगठन की सरकार से नाराजगी
वहीं, कांग्रेस में संगठन और सरकार के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. प्रदेश में कांग्रेस के सत्ता संभालने के बाद से ही कार्यकर्ताओं और विधायकों की नाराजगी लगातार सामने आ रही है. जिसको लेकर प्रदेश कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह सार्वजनिक तौर पर सवाल उठा चुकी हैं. ऐसे में भाजपा को क्रॉस वोटिंग की उम्मीद है. जिसको देखते हुए ही भाजपा ने संख्या बल न होने पर भी राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार उतार कर कांग्रेस के अंदर सेंधमारी होने की आशंका पैदा कर दी है. जिसके चलते कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है.
ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री जी युवा मुझसे पूछते हैं... उनकी आवाज CM के समक्ष रखी या नहीं: राजेंद्र राणा
ये भी पढ़ें: फिर दिखी राजेंद्र राणा और सुधीर शर्मा की जुगलबंदी, एक की पोस्ट पर दूसरे का कमेंट, निशाने पर फिर सुक्खू सरकार