लाहौल-स्पीति: हिमाचल प्रदेश में जहां इन दिनों लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी विभिन्न इलाकों का रुख कर रहे हैं. वहीं, उपचुनाव के चलते भी दोनों दलों के प्रत्याशी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. जनजातीय जिला लाहौल स्पीति में भी विधानसभा के उपचुनाव हो रहे हैं. यहां पर कांग्रेस और भाजपा के द्वारा अपने-अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा गया है. जिससे शीत मरुस्थल में चुनावी जंग काफी रोचक हो गई है.
चुनाव प्रचार के लिए तय करना पड़ रहा है 800 KM का सफर
लाहौल स्पीति जिले के क्षेत्रफल की बात करें तो यह हिमाचल प्रदेश का सबसे अधिक क्षेत्रफल वाला जिला है. यहां प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार करने के लिए खूब पसीना बहाना पड़ रहा है. लाहौल घाटी के मुख्यालय केलांग की बात करें तो इन दोनों यहां से स्पीति जाने के लिए कुंजम दर्रा बर्फबारी के चलते बंद है और बीआरओ के द्वारा उसे बहाल करने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में प्रत्याशियों को लाहौल स्पीति जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में चुनाव प्रचार के लिए आने-जाने में 800 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ रहा है. लाहौल स्पीति के मुख्यालय से स्पीति घाटी के मुख्यालय काजा जाने के लिए प्रत्याशियों को अटल टनल रोहतांग से होते हुए कुल्लू, जलोड़ी जोत, आनी, रामपुर, किन्नौर, नाको, मलिंग टॉप और ताबो होते हुए काजा तक पहुंचना पड़ रहा है.
लाहौल-स्पीति में 25474 वोटर
लाहौल स्पीति जिले की जनसंख्या की अगर करें तो लाहौल उपमंडल में 10199, उदयपुर उपमंडल में 8884 और स्पीति उपमंडल में 12445 जनसंख्या है. लाहौल स्पीति जिले में करीब 25474 मतदाता हैं. जिनमें 67% लाहौल और 33% मतदाता स्पीति घाटी में रहते हैं. इस जिले का गठन साल 1960 में हुआ था और यह भारत का सबसे कम आबादी वाला चौथा जिला है. लाहौल स्पीति जिले का कुल क्षेत्रफल 13833 किलोमीटर है. साक्षरता दर में पुरुषों की दर 86.97 प्रतिशत और महिलाओं की दर 66.5 प्रतिशत है. इसके अलावा लाहौल स्पीति जिले में ही दुनिया का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र ताशी गंग भी है, जो समुद्र तल से 15256 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.