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सतपाल सत्ती ने सुखविंदर सरकार को क्यों कहा- ये लव लेटर आपका पीछा नहीं छोड़ेंगे

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 22, 2024, 10:27 PM IST

Himachal Budget Session 2024, Himachal Pradesh Budget Session: हिमाचल विधानसभा में बजट पर सामान्य चर्चा करते हुए सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि प्रदेश की जनता के नाम पर कांग्रेस के लव लेटर उनका पीछा नहीं छोड़ेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Budget Session 2024
भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती

भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती

शिमला: हिमाचल विधानसभा में बजट पर सामान्य चर्चा का समय बहुत से रोचक घटनाक्रमों के लिए याद किया जाएगा. गुरुवार को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से चर्चा का जवाब आने से पहले भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने सत्ता पक्ष पर कई व्यंग्य बाण छोड़े. सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि प्रदेश की जनता के नाम पर कांग्रेस के लव लेटर उनका पीछा नहीं छोड़ेंगे. साथ ही ये भी कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को सुझाव दिया था कि वो माफी मांग लें और कहें कि दिल्ली से आए थे, उन्होंने गारंटियों वाली बात कही थी. सत्ती ने वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री चौधरी चंद्र कुमार को भी आदरपूर्वक कुछ सलाहें दीं. क्या था ये सब माजरा और कैसे ये परिस्थितियां बनी, उसके लिए आगे की पंक्तियां पढऩा जरूरी है.

दरअसल, भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती बजट पर चर्चा में हिस्सा ले रहे थे. सत्ती ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने प्रदेश की जनता को गुमराह किया. सत्ती ने कहा कि कांग्रेस कभी कहती है कि चुनाव घोषणा पत्र अलग है और गारंटी पत्र अलग है. भाजपा विधायक ने कहा कि सदन में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने चर्चा के दौरान कांग्रेस के घोषणा पत्र हिमाचल, हिमाचलियत और हम का संदर्भ दिया था. उस घोषणा पत्र में जिक्र था कि एक लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी. इसी पर सत्ती ने व्यंग्य कसते हुए कहा कि प्रदेश की जनता के नाम ये लव लेटर कांग्रेस का पीछा नहीं छोड़ेंगे. ये लव लेटर हमेशा आपको तड़पाते रहेंगे. इनके कारण ही आपको गुस्सा आता रहता है.

सत्ती ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपको सुझाव दिया, लेकिन आप मान नही रहे हैं. ऐसा कोई नेता नहीं होगा जो अपने विरोधी दल को ये कहेगा कि एक बार आप कह दो कि भइया हमसे गलती हो गई, हमने ये लिखा नहीं था, दिल्ली से आकर लोगों ने लिख दिया. और उनको ज्ञान नहीं था. सत्ती के कहने का आशय ये था कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में जो नौकरियों व अन्य गारंटियों की बातें लिखी गई हैं, वो पूरी नहीं हो रही हैं. ऐेसे में सुखविंदर सरकार को प्रदेश की जनता से माफी मांग लेनी चाहिए कि ये दिल्ली से आए केंद्रीय नेताओं ने घोषणाएं डाली हैं.

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आगे भाजपा विधायक ने छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर तंज कसते हुए कहा कि जो दिल्ली से ज्ञानी बनकर आए थे, उनका क्या हाल हुआ है, ये सबको पता है. इस बीच, सत्ता पक्ष की तरफ कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने कुछ कहा, जिस पर सतपाल सिंह सत्ती आवेश में आ गए. उन्होंने कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार को चाचा कहकर संबोधित किया और कहा कि आप बीच में न बोलें. फिर सत्ती ने अपने ही अंदाज में परोक्ष रूप से तंज कसते हुए कहा कि आप यानी चंद्र कुमार और कैप्टन धनीराम शांडिल जी हमारी धरोहर हैं इस सदन की. आप उम्रदराज हैं और यदि कोई गलत बोले तो टोकना चाहिए. आप दोनों को तो गलत बोलने वाले को दिशा देनी चाहिए, लेकिन आप ही कच्चे रोड पर चल पड़ते हैं. इसके बाद सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि भगवान करे आप आगे भी जीतकर आएं. मंत्री तो आप नहीं बनेंगे, क्योंकि सरकार हमारी यानी भाजपा की आएगी, लेकिन आपकी ये अंतिम पारी है.

दरअसल, चंद्र कुमार व कैप्टन शांडिल की सीट एक साथ ही है. सत्ती ने हल्के-फुल्के शब्दों में चंद्र कुमार को संबोधित करते हुए कहा कि देखिए कर्नल धनीराम शांडिल कितने प्यार से बैठे हुए हैं. ये आपसे अधिक इंटेलीजेंट हैं और बड़ी पोस्टों पर रहे हैं. सत्ती ने कहा कि चंद्र कुमार जी गुस्सा कर जाते हैं. गुस्सा तो हमें आना चाहिए और आपको यानी चौधरी चंद्र कुमार को हम जैसों को शांत करना चाहिए. सत्ती ने कांग्रेस के घोषणा पत्र के संदर्भ में कहा कि लिखे हुए शब्द मिटते नहीं हैं. उन्होंने मौजूदा राजनीतिक माहौल में रेवडिय़ां बांटने की प्रवृति यानी फ्रीबीज को गलत बताया.

सत्ती ने अफसरशाही को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि ये अधिकारी लोग पानी में मधाणी (दही बिलोने वाली मथनी) घुमाते रहते हैं, उससे कुछ हासिल नहीं होता. उन्होंने आउटसोर्स कर्मियों को लेबर एंड वेल्फेयर विभाग के तहत लाने की पैरवी की. साथ ही हिमकेयर व सहारा योजना के लिए फंड जारी करने की मांग उठाई. सत्ती ने प्रदेश में नशे की बढ़ती प्रवृति पर चिंता जताई. उन्होंने अपने संबोधन में कर्ज के संदर्भ में आंकड़े देकर ये सिद्ध करने का प्रयास किया कि पूर्व सरकार ने कोरोना संकट के बावजूद कम कर्ज लिया.

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