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आगरा में जालसाजी: जलकल विभाग में नौकरी के नाम पर 12 लाख रुपये की ठगी - Forgery in Agra

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 13, 2024, 11:37 AM IST

आगरा के जलकल विभाग में नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक जालसाज (Forgery in Agra) ने तीनों लोगों से 12 लाख रुपये ठग लिए. मामला उजागर होने के बाद भुक्तोगियों ने कोर्ट की शरण ली. इसके बाद आगरा के रकाबगंज थाने में केस दर्ज किया गया है.

आगरा में जालसाजी.
आगरा में जालसाजी. (Photo Credit ; Etv Bharat)

आगरा :जलकल विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर जालसाज ने एक ही परिवार के तीन लोगों से 12 लाख रुपये ठग लिए. इस मामले में कोर्ट के आदेश पर रकाबगंज थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है. आरोपी ने फर्जी नियुक्ति पत्र, आईकार्ड और दो महीने की सैलरी भी खाते में भेजी थी. इसके बाद जब पीड़ित जल संस्थान के कार्यालय पहुंचे तो धोखाधड़ी का पता चला. इसके बाद पुलिस ने पहले मामला दर्ज नहीं किया था. आरोपी नौकरी के नाम पर पहले भी कई लोगों से ठगी कर चुके हैं.

नामनेर के नेताजी नगर निवासी संतोष कुमार दुबे के अनुसार बालूगंज निवासी हर्षित शर्मा राजपुर चुंगी निवासी आकाश शर्मा से जनवरी 2022 में मुलाकात हुई थी. बातचीत के दौरान हर्षित ने खुद को जल संस्थान में लिपिक पद पर कार्यरत बताया और कहा कि मृतक आश्रित कोटे से उनके बेटे चिराग की नौकरी लगवा देगा. आरोपी ने बेटे के सारे दस्तावेज खुद तैयार कराकर देने ओर नौकरी लगवाने के नाम पर पांच लाख रुपये की मांग की. बाद में 4 लाख में सौदा तय हुआ. जब बेटे की नौकरी के लिए बुआ से रुपये की मांग की तो उन्होंने अपने नाती की नौकरी लगवाने के लिए बोल कहा. इस पर अपने बेटे चिराग और बुआ के नाती सौरभ दुबे की नौकरी लगवाने के लिए 8 लाख रुपये दे दिए.




संतोष कुमार दुबे के मुताबिक एक सप्ताह बाद हर्षित शर्मा ने मुझे अपने घर बुलाया. इस दौरान उसने अपनी मां शशि शर्मा और पत्नी अंजलि के हाथों से लखनऊ सचिवालय के दो नियुक्ति पत्र दिए. साथ ही जलकल विभाग के आईकार्ड भी दिए. जिससे मुझे भी भरोसा हो गया. इसके बाद मैंने अपनी बहन के पौत्र मयंक पांडे की नौकरी लगवाने के नाम पर 4 लाख रुपये भी हर्षित को दिए. आरोपी ने उसे नियुक्ति पत्र दे दिया. इसके बाद फरवरी और मार्च 2022 की तनख्वाह भी जल संस्थान शूज नामक बैंक खाते से तीनों के खाते में भेज दी, मगर उनकी कहीं भी ड्यूटी नहीं लगी.



जलकल कार्यालय पहुंचने पर सामने आई सच्चाई

संतोष कुमार के अनुसार बिना ज्वाइनिंग तीनों के बैंक खाते में रकम आने पर शक हुआ. इसके बाद जल संस्थान कार्यालय पहुंचे. वहां नियुक्ति पत्र दिखाए तो वे फर्जी निकले. इस पर आरोपियों से शिकायत की तो उन्होंने 12 लाख रुपये का चेक दिया. चेक बैंक में लगाए तो बाउंस हो गए. इसके बाद पुलिस से गुहार लगाई, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की. जिस पर कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया. रकाबगंज थाना प्रभारी शैली राणा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. मामले में साक्ष्य जुटाकर जांच की जा रही है.


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