राजस्थान

rajasthan

डॉ. मोहित टांटिया को नेपाल में मिला अंतरराष्ट्रीय कर्णधार सम्मान

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 25, 2024, 8:31 PM IST

Dr Mohit Tantia received antarrashtriya karndhar samman in Nepal, श्रीगंगानगर की टांटिया यूनिवर्सिटी के वाइस प्रेजीडेंट डॉ. मोहित टांटिया को नेपाल में अंतरराष्ट्रीय कर्णधार सम्मान से नवाजा गया.

Dr Mohit Tantia received antarrashtriya karndhar samman
Dr Mohit Tantia received antarrashtriya karndhar samman

श्रीगंगानगर.टांटिया यूनिवर्सिटी के वाइस प्रेजीडेंट डॉ. मोहित टांटिया को शिक्षा, चिकित्सा व समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय कर्णधार सम्मान से नवाजा गया. उन्हें यह सम्मान नेपाल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया. हालांकि, डॉ. टांटिया की गैरमौजूदगी में उनका यह सम्मान आईईसी कोऑर्डिनेटर डॉ. कृष्ण कुमार ने ग्रहण किया.

इस मौके पर डॉ. मोहित टांटिया का परिचय देते हुए डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया गया कि भारत-नेपाल साहित्य महोत्सव हर वर्ष सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक शख्सियत का सम्मान करता है. इस वर्ष राजस्थान के श्रीगंगानगर के डॉ. मोहित टांटिया का चयन किया गया. नेपाल स्थित भारतीय दूतावास सहित एक दर्जन संस्थाओं की ओर से गंडकी प्रदेश के पोखरा शहर में त्रिभुवन विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रज्ञा प्रतिष्ठान के भानु सभागार में आयोजित नेपाल-भारत साहित्य महोत्सव में वैदिक ज्योतिष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. बलराम उपाध्याय रेग्मी, नेपाली भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार माधव वियोगी व क्रांतिधारा साहित्य मंच के संयोजक डॉ. विजय पंडित ने रुद्राक्ष की माला पहनाकर यह सम्मान भेंट किया.

इसे भी पढ़ें -राज्य स्तरीय समारोह में 53 दिव्यांगजन हुए सम्मानित, डिप्टी सीएम बोले- कई योजनाओं से सरकार दे रही है संबल

कार्यक्रम में डॉ. विजय पंडित ने कहा कि शिक्षा, चिकित्सा व समाजसेवा के क्षेत्र में डॉ. मोहित टांटिया ने जो उल्लेखनीय कार्य किए हैं, ऐसी मिसाल बहुत मुश्किल से मिलती है. जनसेवा हॉस्पिटल के माध्यम से वे जिस तरह मात्र 10 रुपए में ओपीडी और 20 रुपए में आईपीडी की सेवाएं दे रहे हैं, वो अविरल है. इसके साथ ही उन्होंने नेत्रदान और नशा मुक्ति के क्षेत्र में भी प्रशंसनीय कार्य किया है. कार्यक्रम में गंडकी प्रज्ञा प्रतिष्ठान के कुलपति डॉ. सूर्यप्रकाश खडग़ा 'बिखरची', पोखरा प्रज्ञा प्रतिष्ठान के कुलपति डॉ. पदमराज ढकाल, बद्धधार प्रज्ञा प्रतिष्ठान के कुलपति डॉ. घनश्याम न्योपाने 'परिश्रमी' व नेपाली भाषा आयोग के सदस्य डॉ. पुष्करराज भट्ट मौजूद थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details