हरियाणा

haryana

रॉबर्ट वाड्रा लैंड डील मामला: हरियाणा पुलिस ने FIR में धारा 423 जोड़ी, हाई कोर्ट को बताया- डीएलएफ लैंड डील में हुई बेईमानी

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 10, 2024, 1:28 PM IST

Updated : Feb 10, 2024, 1:38 PM IST

DLF Land Deal Case: रॉबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ सकती है. दरअसल उनसे जुड़े डीएलएफ लैंड डील मामले में आईजी क्राइम कुलविंदर सिंह ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. जिसके मुताबिक हरियाणा पुलिस ने पहले से दर्ज एफआईआर में एक और धारा 423 जोड़ दी है.

DLF Land Deal Case
DLF Land Deal Case

चंडीगढ़: सोनिया गांधी के दामाद और प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा से जुड़े डीएलएफ लैंड डील मामले में आईजी क्राइम कुलविंदर सिंह ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया. जिसके मुताबिक हरियाणा पुलिस ने पहले से दर्ज एफआईआर में एक और धारा 423 जोड़ दी है. पुलिस के मुताबिक डीएलएफ लैंड डील सौदे में बेईमानी हुई थी.

डीएलएफ लैंड डील मामले में एक और धारा जोड़ी: हरियाणा पुलिस ने बताया कि 1 सितंबर 2018 को रॉबर्ट वाड्रा लैंड डील मामले में FIR दर्ज की थी. जिसमें धारा 420, 468, 471, 120बी और भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 जोड़ी थी. अब इसमें धारा 423 भी जोड़ दी है. हलफनामे में आईजी क्राइम कुलविंदर सिंह ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट को बताया कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने फरवरी 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टी से 3.5 एकड़ भूमि 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी.

आरोप है कि लाइसेंस लेने के बाद उन्होंने उस संपत्ति को 58 करोड़ रुपये में दिल्ली लैंड एंड फाइनेंस यानी DLF को बेच दिया था. इस सौदे के बाद तत्कालीन भूपेंद्र हुड्डा सरकार ने DLF को गुरुग्राम के वजीराबाद में 350 एकड़ जमीन आवंटित की थी. खास बात ये है कि तहसीलदार मानेसर ने रिपोर्ट जारी कर बताया था कि स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को जो 3.5 एकड़ जमीन बेची थी. उस लेनदेन में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है.

एसआईटी की टीम कर रही जांच: वहीं मामले की जांच कर रही टीम ने दावा किया है कि बैंक की शाखा में पानी घुसने की वजह से वाड्रा की कंपनी के वित्तीय लेनदेन से संबंधित महत्वपूर्ण रिकॉर्ड नष्ट हो गए थे. फिलहाल हरियाणा पुलिस मामले में हुए वित्तीय लेनदेन के रिकॉर्ड की जांच कर रही है. जांच के लिए 22 मार्च 2023 को एक डीसीपी, दो एसीपी, एक इंस्पेक्टर और एएसआई को शामिल कर एसआईटी का गठन किया गया था. जो मामले की जांच में जुटी है.

क्या है धारा 423? पुलिस के द्वारा जोड़ी गई धारा 423 तब लगाई जाती है, जब संपत्ति को लेकर कोई झूठा ट्रांसफर हो या फिर गलत नीयत से सिग्नेचर किए गए हों. इस धारा में 2 साल जेल की सजा का प्रावधान भी है.

ये भी पढ़ें- दिल्ली के स्पेशल पुलिस कमिश्नर मधुप तिवारी को बनाया गया चंडीगढ़ का नया डीजीपी

Last Updated :Feb 10, 2024, 1:38 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details