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जिस सर्वाइकल कैंसर से पूनम पांडेय की हुई मौत, जानिए इस बीमारी से बचने के उपाय और इलाज

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 2, 2024, 3:48 PM IST

Updated : Feb 2, 2024, 4:51 PM IST

सर्वाइकल कैंसर के कारण बॉलीवुड एक्ट्रेस पूनम पांडे की मौत हो गयी. डॉक्टरों को कहना है कि अगर समय रहते सर्वाइकल कैंसर होने की जानकारी मिल जाए, तो इसका इलाज पूरी तरह से संभव है.

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वीरांगना झलकारी बाई महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. निवेदिता कर

लखनऊ: सुर्खियों में बनी रहने वाली मॉडल एवं बॉलीवुड एक्ट्रेस पूनम पांडे का सर्वाइकल कैंसर के कारण निधन हो गया. मशहूर अदाकारा अक्सर चर्चाओं में बनी रहती थी. महिला रोग विशेषज्ञ के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे कॉमन कैंसर है. सर्वाइकल कैंसर होने की कई कारण है. लेकिन, अगर समय रहते इसका पता चल जाए कि महिला को सर्वाइकल कैंसर है, तो इसका इलाज पूरी तरह से संभव है. सर्वाइकल कैंसर के आखिरी स्टेज में बगैर पीरियड वजाइनल ब्लीडिंग व शरीर के किसी अन्य अंग पर दुष्प्रभाव डालता है.

प्रारम्भिक अवस्था में इलाज संभव: वीरांगना झलकारी बाई महिला अस्पताल की सीएमएस व वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ सीएमएस डॉ. निवेदिता कर ने बताया कि सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय के मुख का कैंसर है. यह भारत की महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे अधिक सामान्य कैंसर है. ये ह्यूमन पैपीलोमा वायरस (HPV) के कारण होता है. उन्होंने कहा कि इस रोग के प्रारम्भिक अवस्था में पता लग जाने पर 90 प्रतिशत इलाज संभव होता है.

छोटे-छोटे लक्षणों को न करें नजरअंदाज:डॉ. निवेदिता कर ने कहा कि आमतौर पर महिलाएं अपनी सेहत के प्रति सचेत नहीं रहती हैं. सर्वाइकल कैंसर होने के कई कारण है. जरूरी नहीं की जो महिला सेक्शुअली एक्टिव हो उसी को सर्वाइकल कैंसर हो इसके अन्य कारण भी है. इसलिए सभी महिलाओं को अपनी सेहत के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है. अगर उनके शरीर में कोई भी बदलाव हो रहा है या ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं, जो पहले कभी नहीं दिखाई दिए तो उन्हें तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में महिला रोग विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सर्वाइकल कैंसर की शुरुआत में महिलाओं को पार्टनर के साथ इंटरकोर्स होते समय अत्यधिक दर्द होता है. अचानक से ब्लीडिंग होना या फिर अनियमित माहवारी का आना भी एक संकेत है.

सरकार महिलाओं को कर रही जागरूक: डॉ. निवेदिता कर ने बताया कि मौजूदा सरकार अगर सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रही है और एचपीवी टीकाकरण की और भी ध्यान दे रही है. यह बहुत ही सराहनीय योजना है. इसके अलावा इसकी शुरुआत स्कूल महिला कॉलेज ठीक करना चाहिए. ताकि, जो 9 से 14 वर्ष की बच्चियों हैं, उन्हें माहवारी से पहले ही यह टीका लग जाए. 14 वर्ष के बाद भी महिलाएं टीकाकरण करवा सकती है, लेकिन इसका असर उतना नहीं होता, जितना माहवारी आने और सेक्सुअली एक्टिव होने से पहले होता है. इसलिए यह जरूरी है कि माहवारी और सेक्सुअली एक्टिव होने से पहले ही बच्चियों को यह टीका लग जाए.

सर्वाइकल कैंसर के कारण:
- ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) के कारण सबसे मुख्य कारण है.
- असुरक्षित यौन संबंध बनाना.
- महिलाएं तीन या तीन से ज्यादा बच्चों को जन्म देना.
- लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से भी सर्वाइकल कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है.
- स्मोकिंग या नशीले पेय पदार्थ का सेवन करना.

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
- बिना माहवारी के वरजाइनल ब्लीडिंग होना.
- संभोग के दौरान दर्द महसूस होना.
- अनियमित पीरियड्स आना.
- ज्यादा रक्तस्राव होना.
- यूरीन पास करने में परेशानी होना.
- पैल्विक दर्द जो पीरियड्स से जुड़ा नहीं होता है.
- वजन कम हो जाना.

सर्वाइकल कैंसर का बचाव:
- 9 से 14 साल की उम्र की सभी लड़कियों को एचपीवी टीकाकरण जरूर कराना चाहिए.
- 28 साल की उम्र तक महिलाओं में एचपीवी का टीका होता है लेकिन यह इतना कारगर साबित नहीं होता है.
- कैंसर की स्क्रीनिंग टेस्ट पेप्स मेयर
- एक से अधिक व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध से बचें.
- तीन या तीन से अधिक बच्चे न करें.
- फैमिली प्लानिंग करते हुए दो बच्चों के बीच में मिनिमम 3 से 4 साल का अंतर रखें.

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Last Updated :Feb 2, 2024, 4:51 PM IST

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