पटनाःबिहार विधानसभा में आज अपराध नियंत्रण विधेयक पारित हो गया है. प्रभारी मंत्री बिजेंद्र यादव की ओर से बिहार अपराध नियंत्रण विधेयक 2024 सदन में पेश किया गया. मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि अवैध बालू खनन, भू माफिया और शराब कारोबारियों पर कार्रवाई के लिए यह कानून लाया गया है. विधेयक पास होने के समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में मौजूद नहीं थे और तेजस्वी यादव आज भी सदन में नहीं पहुंचे थे. वहीं विपक्ष की ओर से पेश किए गए सभी संशोधन प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिए गए.
सम्राट चौधरी ने दी सीएम को बधाईःउपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने ये विधेयक लाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश को विशेष रूप से बधाई दी. सम्राट चौधरी ने कहा बालू माफिया शराब माफिया भू माफिया के सिंडिकेट को समाप्त करने के लिए यह कानून लाया गया है. इससे पहले विपक्षी सदस्यों की ओर से विधानसभा में स्कूल के समय को लेकर हंगामा किया गया और उसके बाद सभी सदस्य सदन से बाहर निकल गए.
केके पाठक के आदेश पर सदन में हंगामाः स्कूल के समय को लेकर केके पाठक के आदेश पर विपक्ष ने नाराजगी जताई. विपक्षी सदस्य वेल में पहुंचकर हंगामा करने लगे. दरअसल स्कूल का समय 10 बजे से 4 बजे करने का एक पत्र जारी हुआ था, जिसे शिक्षा विभाग ने फर्जी बता दिया है और पुराने समय पर ही स्कूल आने का निर्देश दिया गया है. इसी को लेकर विपक्ष का हंगामा होता रहा. हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने भी कहा कि आप लोग अपने स्थान पर बैठिये, तभी सरकार से जवाब लेंगे.
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दिया जवाबःइसके जवाब में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ 12:30 बजे बैठक है. यदि कार्रवाई नहीं हुई है तो उनसे समीक्षा बैठक के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. असल में शिक्षा विभाग का एक लेटर वायरल हो गया था, जिसमें स्कूल का समय 9:00 बजे से 5:00 बजे के स्थान पर 10:00 बजे से 4:00 बजे करने का निर्देश दिया गया था लेकिन बाद में शिक्षा विभाग के तरफ से एक लेटर जारी किया गया और उसे फर्जी लेटर बताया गया.
प्रश्नकाल में इन विभागों के लिए जाएंगे प्रश्नः बिहार विधानसभा की कार्यवाही 11:00 से प्रश्न काल से शुरू हुई. आज प्रश्न काल में कई विभागों के प्रश्न लाये जाएंगे, जिसमें कृषि विभाग, राजस्व भूमि सुधार विभाग, सहकारिता विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, पीएचईडी , नगर एवं आवास विभाग और पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग है. इन विभागों के प्रश्न सदस्य सदन में लेंगे और संबंधित विभाग के मंत्री या प्रभारी मंत्री जवाब देंगे. इसके बाद शून्य काल होगा, जिसमें भी सदस्य कई महत्वपूर्ण समस्याओं को सरकार के सामने उठाएंगे.