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आज जारी होगा नियोजित शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा का Answer Key, 23 को आएगा रिजल्ट

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 12, 2024, 10:36 AM IST

Updated : Mar 12, 2024, 10:46 AM IST

Bihar Teacher Competency Test: बिहार नियोजित शिक्षक की योग्यता परीक्षा का आंसर की आज जारी होगा. 14 मार्च तक आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है, जबकि परीक्षा का परिणाम 23 मार्च को जारी होगा.

Bihar Teacher competency test
Bihar Teacher competency test

पटना:बिहार में नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने के लिए आयोजित कीसक्षमता परीक्षा का आज आंसर की जारी कर दिया जाएगा. इस परीक्षा की नोडल एजेंसी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति रही है, ऐसे में समिति के माध्यम से ही आंसर की जारी किया जाएगा. आंसर की पर ऑनलाइन मोड में 14 मार्च तक दावा आपत्ति दर्ज कर सकते हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के वेबसाइट पर दिन के 11:00 बजे आंसर की अपलोड कर दिया जाएगा. वहीं इस परीक्षा का परिणाम 23 मार्च को जारी करने की तैयारी है.

221255 नियोजित शिक्षकों ने दिए आवेदन:26 फरवरी से 6 मार्च तक चल सक्षमता परीक्षा में प्रदेश के 9 जिलों में 52 परीक्षा केदो पर ऑनलाइन बोर्ड में परीक्षा आयोजित की गई थी. इस परीक्षा में 221255 नियोजित शिक्षकों ने आवेदन किया था. परीक्षा में आवेदन के दौरान ही 1205 ऐसे शिक्षक पाए गए, जिनमें शिक्षक पात्रता परीक्षा की एक ही क्रमांक पर एक से अधिक शिक्षक प्रदेश में कार्यरत है.

डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया जारी:1205 संदिग्ध फर्जी शिक्षकों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी शिक्षा विभाग की ओर से जारी है. 7 मार्च से यह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन शुरू हुआ है, जो 21 मार्च तक चलेगा लेकिन यह देखने को मिल रहा है कि डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में कई शिक्षक नहीं पहुंच रहे हैं. शिक्षा विभाग पटना मुख्यालय में प्रतिदिन निश्चित संख्या में ऐसे संदिग्ध शिक्षकों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए बुला रहा है. अब तक लगभग 100 के करीब शिक्षकों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन हो चुका है.

फर्जी शिक्षकों पर होगा एक्शन:जो शिक्षक डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में नहीं पहुंचेंगे, उनको 21 मार्च के बाद नोटिस भेजा जाएगा. शिक्षा विभाग का स्पष्ट है कि जांच के क्रम में जिन शिक्षकों का सर्टिफिकेट फर्जी मिलेगा, उनकी नौकरी तो जाएगी ही. साथ ही साथ उन पर कानूनी कार्रवाई भी होगी. कानून के जानकारों के मुताबिक ऐसे शिक्षकों पर एक वर्ष से 7 वर्ष की सजा हो सकती है. इसके अलावा अर्थदंड के रूप में उनसे अब तक का प्राप्त किया हुआ वेतन वापस लिया जा सकता है.

Last Updated :Mar 12, 2024, 10:46 AM IST

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