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UPSC में यूपी के इन होनहारों ने लहराया परचम, किसी को पहले प्रयास में मिली सफलता तो कोई ले रहा IPS की ट्रेनिंग - UPSC RESULT 2023

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 16, 2024, 8:47 PM IST

UPSC 2023 में यूपी के कई मेधावियों को कामयाबी मिली है. इनमें से कुछ पहले से ही सरकारी नौकरी में हैं.

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लखनऊ : UPSC 2023 का रिजल्ट आ चुका है और लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव टॉप कर युवाओं के रोल मॉडल बनकर उभरे हैं. इसके साथ ही गोरखपुर की नौशीन ने 9वीं रैंक हासिल कर सूबे का मान बढ़ाया है. इन दोनों के अलावा और भी कई ऐसे मेधावी हैं, जिन्होंने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल की है. इनकी इस कामयाबी से न सिर्फ परिवार के लोग बल्कि पूरे जिले में लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. आइए जानते हैं इनकी सफलता की कहानी.

बनारस की आरफा और शाश्वत अग्रवाल ने पाई सफलता.

मिर्जापुर के लाल ने किया कमाल, IPS विपिन दुबे बने IAS

मिर्जापुर के विपिन दूबे पहले 361 रैंक पाकर आईपीएस बने और इस बार 238 रैंक पाकर IAS बन गए हैं. सदर तहसील के इंदी गांव के अधिवक्ता पंकज दुबे के पुत्र विपिन की सफलता से परिजनों में खुशी का माहौल है. विकासखंड सिटी के ग्राम इंदी पर्वतपुर के रहने वाले विपिन दुबे की माता जयमती देवी गृहिणी हैं. इसके पहले 2022 की परीक्षा में प्रथम प्रयास में ही 361वीं रैंक हासिल की थी. विपिन ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा राजकीय इंटर कॉलेज इलाहाबाद से प्रथम श्रेणी में पास की थी. इसके बाद वर्ष 2018 में एनआईटी उत्तराखंड से बीटेक की परीक्षा पास की. वर्तमान में सरदार वल्लभ भाई पटेल एकेडमी, हैदराबाद में 12 नवंबर 2023 से आईपीएस की ट्रेनिग ले रहे हैं. फोन पर बताया कि चाचा इंजीनियर अनूप दुबे की प्रेरणा से सफलता हासिल की है.

चंदौली की कृति त्रिपाठी को पहले प्रयास में ही मिली सफलता

चंदौली की बेटी कृति त्रिपाठी ने UPSC 2023 पास कर जिले का मान बढ़ाया है. नरवन क्षेत्र के बरहनी की कृति ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा में 149वीं रैंक हासिल की है. पिता उपेंद्र प्रकाश त्रिपाठी राजकीय इंटर कालेज चकिया में वरिष्ठ लिपिक हैं. कीर्ति ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और गुरु को दिया है. कृति त्रिपाठी फिलहाल पीडीडीयू नगर में रहती हैं. बीएचयू से पीएचडी कर रहीं कृति ने फरवरी में पीसीएस की परीक्षा पास की थी. 17वीं रैंक पाकर डिप्टी जेलर के पद पर चयनित हुई थीं. हालांकि अभी तक उन्होंने नौकरी ज्वाइन नहीं की थी. अपनी इस सफलता से गदगद कृति ने बताया कि कठिन परीश्रम कर पहले ही प्रयास में परीक्षा पास कर ली. कृति के ताऊ झारखंड में जिला जज और चाचा डीपी त्रिपाठी नेत्र रोग विशेषज्ञ हैं. कृति ने अपने गुरु प्रो. तेज प्रताप सिंह का विशेष आभार जताया.

दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी सुरभि श्रीवास्तव ने हासिल 56 वी रैंक

कानपुर देहात की महिला अधिकारी सुरभि श्रीवास्तवने अपनी सफलता से मिशाल पेश की है. उन्होंने अपने पद की जिम्मेदारियों का निर्वाहन करने के साथ सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की है. जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी सुरभि श्रीवास्तव ने तीसरे प्रयास में परीक्षा पास करते हुए 56वीं रैंक हासिल की है. सुरभि मूल रूप से यूपी के कानपुर नगर की रहने वाली हैं. सुरभि का 2022 में पीसीएस में सेलेक्शन हुआ था. सुरभि की बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा की पढ़ाई कानपुर में ही हुई. सुरभि की कामयाबी पर जहां परिवार के लोगों में खुशी की लहर है,वहीं उनके कार्यालय में मिठाइयां बाटीं गईं. बेटी की इस सफलता की खुशी पिता को इस कदर हुई की वह जल्दी अपनी बेटी से मिलने कानपुर देहात पहुंचे.

बाराबंकी के क्षितिज पटेल ने बढ़ाया जिले का मान

बाराबंकी के रहने वाले क्षितिज पटेल ने जिले का मान बढ़ाया है. सिविल सर्विस परीक्षा में क्षितिज ने 835 वी रैंक हासिल की है. हालांकि वे इस रैंक से संतुष्ट नही हैं. उनका कहना है कि बेहतर रैंक के लिए आगे भी उनका प्रयास जारी रहेगा.भले ही क्षितिज अपनी इस रैंक से ज्यादा संतुष्ट न हों लेकिन गांव और आसपड़ोस के इलाके वालों समेत परिवार के लोगों में जबरदस्त उत्साह है. इनका कहना है कि देश की सर्वश्रेष्ठ परीक्षा को पास करना ही गौरव की बात है. जिले के रामसनेही घाट थाना क्षेत्र के मऊ गोरपुर निवासी क्षितिज पटेल का यह दूसरा प्रयास था. पिता रवींद्र वर्मा सिंचाई विभाग में सहायक अभियंता के पद पर लखनऊ में तैनात हैं.

बनारस के इन 6 मेधावियों को मिली सफलता

यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा-2023 काशी हिंदू विश्वविद्यालय के तीन छात्र-छात्राओं ने सफलता हासिल की है. इनके साथ ही आकांक्षा सिंह, शाश्वत अग्रवाल और आरफा ने भी इस परीक्षा को क्रैक कर लिया है. ये 6 होनहार ऐसे हैं, जिनमें किसी के पिता की दुकान है तो किसी का परिवार शोरूम चलाता है. बनारस की आकांक्षा ने 44 वीं रैंक हासिल की है. वहीं बनारस की मछोदरी की कोयला बाजार की रहने वाली आरफा ने 111वीं रैंक हासिल की है. पिता मोहम्मद असलम खान दालमंडी में दुकान चलाते हैं. मां मेहनाज गृहणी हैं. बड़े भाई मो. शादान खान IIT-IIM से पास आउट हैं, जो पिछले 10 साल से रिजर्व बैंक मुंबई में रिजर्व बैंक में मैनेजर हैं. भाई के बाद ही मैंने IIT की और उन्हीं का गाइडेंस लिया था. छोटी बहन आलिया उस्मानी बीटेक के बाद नौकरी कर रही है. अभी उत्तर प्रदेश में आईपीएस मिलने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि बचपन से ही बनारस में रहकर पढ़ाई की है. 8वीं कक्षा तक कृष्ण मूर्ति फाउंडेशन स्कूल से पढ़ाई की थी. इसके बाद 10वीं सेंट जॉन्स स्कूल से पूरा किया. इनके साथ ही वाराणसी के रहने वाले शाश्वत अग्रवाल को 121 वीं रैंक हासिल हुई है. शाश्वत के दादा श्रीचंद अग्रवाल और पिता राजेश अग्रवाल व्यवसायी हैं. इनका बैग्स का शोरूम वाराणसी में चलता है.

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