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अंतरिक्ष विज्ञान के लिए भारत रूस का एक विश्वसनीय, पसंदीदा वैश्विक भागीदार : रोमन बाबुश्किन - Roman Babushkin

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 4, 2024, 3:26 PM IST

Russian Deputy Ambassador Roman Babushkin, रूस के उप राजदूत रोमन बाबुश्किन ने कहा है कि भारत अंतरिक्ष विज्ञान के लिए रूस का एक विश्वसनीय, पसंदीदा वैश्विक भागीदार है. उन्होंने उक्त बातें भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की ऐतिहासिक अंतरिक्ष उड़ान की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह में कहीं. पढ़िए पूरी खबर...

Russian Deputy Ambassador Roman Babushkin praised India's space science
रूस के उप राजदूत रोमन बाबुश्किन ने भारत अंतरिक्ष विज्ञान को सराहा

नई दिल्ली: रूस ने अंतरिक्ष कार्यक्रम में भारत की सफलता की सराहना की है. नई दिल्ली में रूसी उप राजदूत रोमन बाबुश्किन ने कहा कि भारत ने अपना मजबूत राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम विकसित किया है और उसे अंतरिक्ष महाशक्ति के साथ ही अच्छी तरह से प्रतिष्ठित होने के साथ ही विश्वसनीय का दर्जा प्राप्त है. इसके अलावा अंतरिक्ष विज्ञान और उपग्रह प्रक्षेपण के लिए पसंदीदा वैश्विक भागीदार है.उक्त बातें बाबुश्किन ने दिल्ली में रूसी दूतावास 1984 में सोवियत अंतरिक्ष यान सोयुज टी-11 पर सवार पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की ऐतिहासिक अंतरिक्ष उड़ान की 40वीं वर्षगांठ के अवसर पर कहीं.

इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष अंवेषण में भारत की उल्लेखनीय उलब्धियों की सराहना की. भारत-रूस अंतरिक्ष सहयोग पर प्रकाश डालते हुए, रूसी मिशन के उप प्रमुख ने कहा कि रूस भारत के अग्रणी भागीदारों में से एक बना हुआ है. रूसी राज्य निगम 'रोस्कोस्मोस' और इसरो अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण देकर, मानवयुक्त अंतरिक्ष यान के विकास में सहायता प्रदान करके, जीवन-समर्थन और क्रू-एस्केप सिस्टम, फ्लाइट सूट, काउच, रेट सेंसर की आपूर्ति करके भारतीय गगनयान मिशन के कार्यान्वयन में गहराई से शामिल हैं.

उन्होंने आगे कहा कि अब भारत, अपने मजबूत राष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रम को विकसित करने के बाद, अंतरिक्ष महाशक्ति, अच्छी तरह से प्रतिष्ठित, विश्वसनीय और अंतरिक्ष विज्ञान और उपग्रह प्रक्षेपण के लिए पसंदीदा वैश्विक भागीदार का दर्जा प्राप्त करता है. उन्होंने कहा कि सफल चंद्रयान-3 परियोजना एक बड़ा मील का पत्थर है. रूस-भारत राजनयिक संबंधों की स्थापना की 77वीं वर्षगांठ से पहले, राजनयिक ने कहा कि दोनों देशों के बीच जीवंत साझेदारी में अंतरिक्ष प्रणोदन इंजीनियरिंग, क्रायोजेन इंजन निर्माण, उपग्रह नेविगेशन और संचार सिग्नल प्राप्त करने के लिए ग्राउंड स्टेशन स्थापित करना शामिल है.

उन्होंने आगे कहा कि हम निजी क्षेत्र और स्टार्ट-अप की व्यापक भागीदारी की संभावनाओं से उभरने वाले नए ट्रैक तलाश रहे हैं. रूसी राजनयिक ने आगे बताया कि कैसे भारत और रूस समर्पित बहुपक्षीय प्लेटफार्मों, सबसे पहले, संयुक्त राष्ट्र और इसकी बाहरी अंतरिक्ष समिति पर निकटता से समन्वय करते हैं. उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि कैसे अप्रैल का महीना जश्न मनाने का एक कारण है. उन्होंने कहा कि हम बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की होड़ को रोकने और बाहरी अंतरिक्ष में हथियार न रखने की रूसी पहल को बढ़ावा देने के लिए गहन बातचीत करते हैं.

उन्होंने कहा कि यह ब्रिक्स में हमारे एजेंडे का भी हिस्सा है, जिसमें दूरस्थ उपग्रह समूह पर समझौता भी शामिल है. उन्होंने कहा कि हमारे पास इस महीने को मनाने के कई कारण हैं, जिसमें 12 अप्रैल को महान यूरी गगारिन की पहली मानव अंतरिक्ष यात्रा की 63वीं वर्षगांठ और साथ ही 13 अप्रैल को रूस-भारत राजनयिक संबंधों की स्थापना की 77वीं वर्षगांठ शामिल है. उन्होंने कहा कि हालांकि, अंतरिक्ष का विषय और हमारी दोस्ती की भावना का प्रतीक राकेश शर्मा के महान कार्य का ऐतिहासिक महत्व 2024 में हमारे समग्र सहयोग के लिए निस्संदेह पृष्ठभूमि बनने का हकदार है. बुधवार को रूसी समाचार एजेंसी टीएएसएस ने नई दिल्ली में रूसी हाउस और भारत में रूसी संघ के दूतावास के सहयोग से राकेश शर्मा की ऐतिहासिक अंतरिक्ष उड़ान के बारे में एक अनूठी फोटोग्राफिक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. बता दें कि स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा 3 अप्रैल, 1984 को सोयुज टी-11 में सवार होकर अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बने थे. वह भारतीय वायु सेना के पायलट तीन सदस्यीय दल का हिस्सा थे जो सोवियत सैल्युट-7 अंतरिक्ष स्टेशन तक गए थे.

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