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फोन टैपिंग मामला: पूर्व पुलिस उपायुक्त हैदराबाद में गिरफ्तार - Phone Tapping Case Hyderabad

By PTI

Published : Mar 30, 2024, 6:57 AM IST

Phone Tapping Case Hyderabad: पुलिस की एक विज्ञप्ति में शुक्रवार रात को कहा गया कि इस मामले की जांच के तहत उक्त व्यक्ति (राधाकिशन राव) को कल बंजारा हिल्स पुलिस थाने में पूछताछ के लिए बुलाया गया था. पूछताछ के दौरान उन्होंने निजी लोगों की प्रोफाइल विकसित करने की साजिश रचने और वैध कर्तव्यों के लिए निर्धारित आधिकारिक संसाधनों का दुरुपयोग करने के कथित अपराध में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली.

Phone Tapping Case Hyderabad
प्रतीकात्मक तस्वीर.

हैदराबाद: हैदराबाद पुलिस ने पूर्व पुलिस उपायुक्त को फोन टैपिंग और कुछ कंप्यूटर सिस्टम तथा आधिकारिक डेटा को नष्ट करने के मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने कहा कि पूर्व पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राधाकिशन राव को विधिक कार्यवाही के बाद एक स्थानीय जेल भेज दिया गया.

पुलिस ने बताया कि राव को उनके कबूलनामे पर आज सुबह लगभग आठ बजे जांच अधिकारी ने गिरफ्तार कर लिया और उन्हें एक स्थानीय अदालत में पेश किया. विज्ञप्ति में कहा गया है कि अदालत ने न्यायिक हिरासत की मांग को मंजूर कर लिया. इसमें कहा गया है कि उन्हें 12 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

इसके पहले इस मामले में विशेष जांच शाखा (एसआईबी) के निलंबित पुलिस उपाधीक्षक प्रणीत राव के साथ मिलीभगत के आरोपी दो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षकों को 23 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. प्रणीत राव पर पूर्ववर्ती भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की सरकार के दौरान फोन टैपिंग करने के साथ ही विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से खुफिया सूचना मिटाने का आरोप है.

उन पर कई व्यक्तियों का प्रोफाइल बनाने और कुछ कम्प्यूटर प्रणालियों तथा आधिकारिक आंकड़ों को नष्ट करने के अलावा बिना अधिकार और गैरकानूनी तरीके से लगातार उनकी निगरानी करने का आरोप है. राव को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था.

मामले की जांच के तहत पुलिस ने हाल में पूर्व एसआईबी प्रमुख टी प्रभाकर राव और आयुक्त के कार्य बल के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त पी. राधाकृष्ण तथा एक तेलुगु टीवी चैनल के एक वरिष्ठ कार्यकारी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था.

तेलंगाना सरकार ने हाल में प्रणीत राव को निलंबित कर दिया था. वह पूर्ववर्ती बीआरएस सरकार के दौरान पुलिस उपाधीक्षक थे और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय में काम कर रहे थे. विपक्षी पार्टी के नेता उन पर पहले भी फोन टैप करने के आरोप लगा चुके हैं.

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