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जम्मू-कश्मीर: पुलवामा में CSIR फील्ड स्टेशन पर ट्यूलिप किस्मों की खेती शुरू की - cultivation of Tulip Pulwama

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 6, 2024, 1:31 PM IST

Cultivation Of Tulip Varieties : काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन फील्ड स्टेशन बूनरा पुलवामा में ट्यूलिप के पौधे उगाने का सफल अनुभव का उदाहरण बन रहा है. इसके लिए विभाग के निदेशक डॉ. जबीर अहमद ने फील्ड स्टेशन में कार्यरत वैज्ञानिकों को बधाई दी.

Tulip varieties
ट्यूलिप के बाग.

पुलवामा:कश्मीर घाटी अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां की घाटी के झरने, हरे-भरे जंगल और विशाल मैदान देश भर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. वहीं, ट्यूलिप गार्डन, जहां 12 लाख से ज्यादा ट्यूलिप के पौधे लगाए गए हैं, उन्हें देखने के लिए लाखों पर्यटक आते हैं.

ट्यूलिप के बाग.

जहां ये ट्यूलिप विदेशों से आयात किए जाते हैं, वहीं अब सीएसआईआर फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत इन ट्यूलिप को घाटी में ही पैदा करने पर शोध चल रहा है. जिससे न सिर्फ किसानों को फायदा होगा बल्कि सरकार को भी फायदा होगा. काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन फील्ड स्टेशन बूनरा पुलवामा ने इस साल शोध के तौर पर ट्यूलिप के पौधों को प्रचारित करने के लिए एक प्रयोग किया जो सफल रहा और अब यहां ट्यूलिप के प्रचार-प्रसार के लिए बल्बों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

ट्यूलिप के बाग में उपस्थित लोग.

यानी, ट्यूलिप उगाने के लिए आवश्यक पेज का उत्पादन यहां किया जाएगा, हालांकि इसे पहली बार फील्ड स्टेशन पर एक प्रयोग के रूप में इस्तेमाल किया गया था, जहां फील्ड स्टेशन के शोधकर्ताओं ने पाया कि ट्यूलिप के बीज भी यहां उत्पादित किए जा सकते हैं.

जम्मू-कश्मीर विशेषकर कश्मीर का मौसम इसके लिए बहुत उपयुक्त है. इस संबंध में इस प्रयोग से जुड़े शोधकर्ताओं ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हमने यह प्रयोग पहली बार जम्मू-कश्मीर में किया है. हम इसमें सफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि ट्यूलिप के पौधे उगाने के लिए हमें उनके बैच विदेशों से आयात करने पड़ते थे. अब हम उनका उत्पादन यहां भी कर सकते हैं.

ट्यूलिप के बाग.

इस संबंध में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं फील्ड स्टेशन बूनरा के प्रभारी डॉ. शाहिद रसूल ने बताया कि यह सफल प्रयोग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह एवं विभाग के निदेशक डॉ. जबीर अहमद की देखरेख में किया गया है. उन्होंने कहा कि देश के किसानों की आय बढ़ाने के साथ-साथ फूलों की खेती के क्षेत्र में किसानों और युवाओं को विभिन्न प्रकार की फूलों की खेती फसलों की खेती और उपयोग करने के लिए सशक्त बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर पर सीएसआईआर फ्लोरीकल्चर मिशन 2020 शुरू किया गया था.

ट्यूलिप के बाग.

जिसका उद्देश्य मूल्यवर्धित उत्पादों का व्यापार बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि ट्यूलिप प्रयोग सफल रहा. उन्होंने इस सफलता का श्रेय फील्ड स्टेशन में अनुसंधान टीम को दिया. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में कश्मीर घाटी के किसान इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. ट्यूलिप बल्बों के उत्पादन में जिसके माध्यम से आजीविका बढ़ेगी और दैनिक अवसरों का विस्तार होगा और साथ ही देश के विभिन्न पर्यटन क्षेत्रों के लिए ट्यूलिप की खेती में सकारात्मक भूमिका निभाएगी.

ट्यूलिप के बाग में उपस्थित लोग.

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