हैदराबाद : आजकल हर दूसरा व्यक्ति खुद को बेहतर दिखाने के लिए अपनी मनपसंद व्यंजनों से दूरी बना रहा है. आकर्षक और सुंदर दिखने की चाहत में लोग भूखे रहते हैं और अपनी पसंद से किनारा कर लेते हैं. खासतौर युवा वर्ग में डाइटिंग का बहुत ज्यादा क्रेज देखा जा सकता है. अनरियलिस्टिक बॉडी टाइप, मॉडलों की फोटोशॉप की गई तस्वीरें और असंभव शरीर मानक के कारण आजकल के युवाओं में ईटिंग डिसऑर्डर का लेवल बढ़ रहा है.
समाज ने एक निश्चित बॉडी टाइप को आदर्श के रूप में स्थापित किया है और इसलिए, शरीर की सकारात्मकता में गिरावट आई है, और इसने दुनिया के युवाओं के मनोबल को और ज्यादा प्रभावित किया है. इसलिए 6 मई को अंतररार्ष्ट्रीय नो डाइट दिवस मनाया जाता है, जो शरीर की बनावट और परिवर्तन को अपनाने और सभी शारीरिक आकृतियों और आकारों का सम्मान करने के लिए समर्पित एक वैश्विक उत्सव है.
शरीर की स्वीकृति और विविधता के महत्व, प्रकार व विभिन्न आहार विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का भी यह दिन है. यह दिन हमें यह समझने में मदद करता है कि जीवन का वास्तविक सार क्या है- स्वस्थ जीवन शैली और स्व-प्रेम. इस महत्वपूर्ण दिन का उद्देश्य वजन भेदभाव और फैटफोबिया के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, साथ ही हमारी खान-पान से जुड़ी बुरी आदतों को चुनौती देना भी है. अंतररार्ष्ट्रीय नो डाइट दिवस व्यक्तियों को रिस्ट्रिक्ट डाइट पर अपने मानसिक और शारीरिक कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित करता है.
अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे की शुरुआत 1992 में ब्रिटिश एंटी-डाइट मूवमेंट 'डाइट ब्रेकर्स' की निदेशक मैरी इवांस ने की थी. इस पहले अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे की यूके में हुई शुरुआत के बाद से इसे पूरे विश्व में मनाया जाने लगा. ब्रिटिश महिला मैरी इवांस एक नारीवादी और लेखिका भी है. मैरी इवांस का मानना है कि लोग जैसे हैं वैसे खुद को स्वीकार करें. इसका उद्देश्य अच्छे स्वास्थ्य के बारे में बात करना है फिर चाहे आपका साइज कुछ भी हो. इसके साथ ही हद से ज्यादा वजन और ज्यादा डायटिंग से होने वाले नुकसान की ओर भी लोगों का ध्यान खींचना इस दिन का उद्देश्य है.
अंतर्राष्ट्रीय नो डाइट दिवस 2024: थीम
इस वर्ष की थीम, 'अपने आप को गले लगाओ: आहार संस्कृति को अस्वीकार करो, खुदसे प्यार करो,' स्वयं को स्वीकार करने के बारे में है. समाज ने एक विशिष्ट शारीरिक प्रकार को सर्वोत्तम माना है और परिणामस्वरूप, यह किसी अन्य प्रकार के शरीर को स्वीकार नहीं करता है. नतीजतन, शरीर की सकारात्मकता में गिरावट आई है और इसका असर दुनिया के युवाओं के उत्साह पर भी पड़ा है.
अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे का उद्देश्य
यह दिन स्वास्थ्य पर ध्यान देने के साथ स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है.
पौष्टिक भोजन खाने को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना.
शरीर आकार और वसा भय के बारे में जागरूकता फैलाना.
डाइटिंग से एक दिन का ब्रेक लें.
लोगों को डाइट के सही तरीके के बारे में शिक्षित करना और जिम्मेदारी से और इसे प्रभावी ढंग से करना.