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High Court ने प्रेम विवाह का मुकदमा रद कर कहा, आजादी के 75 साल बाद भी स्वीकार्य नहीं हुई love marriage

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 9, 2024, 8:06 AM IST

इलाहाबाद High Court (Allahabad High Court) ने प्रेम विवाह का मुकदमा रद कर कहा है कि आजादी के 75 साल बाद भी लव मैरिज (Love Marriage) स्वीकार्य नहीं हुई है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने प्रेम विवाह (Love Marriage) करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के मामले में कहा कि देश की आजादी के 75 वर्ष बाद भी समाज में ऐसे विवाह की स्वीकार्यता नहीं बन सकी है जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार कहा है कि बालिग युगल को वैयक्तिक स्वतंत्रता है. वह अपनी मर्जी से अपना जीवन जी सकते हैं.

कोर्ट ने कहा याची पति-पत्नी की की तरह राजी खुशी से साथ रह रहे हैं. उनके बच्चा भी है. ऐसे में विवाह स्वीकार करने में कोई अवरोध नहीं है. परिवार ने नाबालिग लड़की के अपहरण का केस दर्ज कराया है. पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर अदालत ने सम्मन भी जारी किया है. ऐसा मुकदमा चलाने का कोई औचित्य नहीं है.

यह आदेश न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार ने सागर सविता व अन्य की याचिका पर दिया है. इसी के साथ कोर्ट ने जालौन जिले के नदी गांव थाने में दर्ज एफआईआर के तहत विशेष अदालत पाक्सो एक्ट में विचाराधीन आपराधिक मुकदमे को रद्द कर दिया है. याची का कहना था कि उसने विपक्षी से प्रेम विवाह किया है. इससे विपक्षी के पिता खुश नहीं थे तो उन्होंने अपहरण करने के आरोप में एफआईआर दर्ज करा दी. याची और उसकी पत्नी अब खुशहाल जीवन जी रहे हैं. ऐसे में आपराधिक मुकदमा चलाने का औचित्य नहीं है, इस पर कोर्ट ने याचिका मंजूर कर ली और आपराधिक मुकदमा रद्द कर दिया.

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