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एलएसी पर भारतीय सेना की तैनाती से दबाव में चीन, बोला- ऐसे में शांति कैसे आएगी ?

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Mar 8, 2024, 5:58 PM IST

China warns India : भारत और चीन के बीच एलएसी पर दोनों देशों की सेनाएं लंबे समय से तैनात हैं. चीन की किसी भी गतिविधि का माकूल जवाब देने के लिए भारत ने पूर्वी सीमा पर 10 हजार सैनिकों की तैनाती की है. भारत के इस कदम से चीन बौखलाया हुआ है. चीन ने कहा है कि सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती से शांति नहीं आ सकती है. पढ़ें पूरी खबर...

China warns India
चीन की भारत को सख्त चेतावनी

नई दिल्ली : डोकलाम की घटना के बाद से ही भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बरकरार है. इस घटना के बाद से चीनी सेना की किसी भी आक्रामक कार्रवाई का जवाब देने के लिए एलएसी पर भारतीय सेना मजबूती के साथ तैनात है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने पश्चिमी सेक्टर से 10 हजार सैनिकों को हटाकर एलएसी पर तैनात किया है. हालांकि, इसकी कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है. बताया जा रहा है कि ये जवान उत्तराखंड से लेकर हिमाचल प्रदेश तक लगती सीमा पर तैनात किए गए हैं. बता दें, भारत-चीन बॉर्डर के इस क्षेत्र में पहले से ही लगभग 9000 सैनिक तैनात हैं. भारत ने 1000 नए सैनिक तैनात किए हैं.

भारत के इस कदम से चीन बौखलाया हुआ है. चीनी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि विवादित सीमा पर और अधिक सैनिकों को जोड़ने का भारत का कदम तनाव कम करने के लिए अनुकूल नहीं है. मतलब, चीन को यह बिलकुल रास नहीं आया कि भारत सरकार द्वारा इन विवादित बॉर्डरों पर सुरक्षा के लिहाज से और ज्यादा सैनिकों को तैनात किया गया है.

एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि वरिष्ठ भारतीय अधिकारियों ने चर्चा की गोपनीयता के कारण नाम न छापने का अनुरोध करते हुए खुलासा किया कि पहले पश्चिमी सीमा पर तैनात 10,000 सैनिकों की एक इकाई को अब चीन के साथ सीमा के एक हिस्से की सुरक्षा के लिए सौंपा गया है. 9,000 सैनिकों का एक मौजूदा समूह, जिसे शुरू में विवादित चीनी सीमा के लिए नामित किया गया था, अब नव स्थापित लड़ाकू कमान के अंतर्गत आएगा. यह एकीकृत बल चीन के तिब्बत क्षेत्र को भारत के उत्तरी राज्यों उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से विभाजित करने वाले 532 किमी (330.57 मील) सीमा खंड की रक्षा करेगा.

भारत और चीन के बीच के रिश्ते 5 मई, 2020 से तनावपूर्ण रहे हैं, जब उनकी साझा सीमा पर अलग-अलग जगहों पर टकराव और झड़पें हुई थीं. ये घटनाएं लद्दाख के पैंगोंग झील, तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र और सिक्किम और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के बीच की सीमा के पास हुईं. मई के अंत में यह तनाव और अधिक बढ़ गया जब चीन ने गलवान नदी घाटी में भारत के सड़क बनाए जाने पर आपत्ति जताई थी. 7 सितंबर, 2020 को, 45 वर्षों में पहली बार एलएसी पर गोलियां चलाई गईं, दोनों पक्षों ने इसके लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया. भारतीय मीडिया ने यह भी बताया कि भारतीय सैनिकों ने 30 अगस्त, 2020 को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) पर चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाई थीं.

इस टकराव के बाद भारत और चीन के बीच संबंध खराब हो गए और तब से इसमें सीमित सुधार हुआ है. कई दौर की सैन्य-राजनयिक वार्ता के 21 दौर तक शामिल होने के बावजूद दोनों देशों के रिश्ते में खटास बनी हुई है. वहीं, इधर चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों के जवाब में भारत ने देश के भीतर चीनी निवेश और व्यावसायिक उद्यमों को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से कानून बनाए हैं

2021 में, भारत ने पिछले वर्ष एक घातक झड़प के बाद बढ़े तनाव का जवाब देते हुए, चीन के साथ अपनी सीमा की निगरानी के लिए अतिरिक्त 50,000 सैनिकों को तैनात किया, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 20 भारतीय सैनिकों की दुर्भाग्यपूर्ण हानि हुई, जिससे राजनयिक संबंधों में काफी तनाव आया. इसके बाद, चीन और भारत दोनों ने सैनिकों की अतिरिक्त तैनाती के साथ-साथ सैन्य-संबंधी बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, मिसाइलों और विमानों को अपने संबंधित सीमा क्षेत्रों में स्थानांतरित करने के लिए कदम उठाए हैं.

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